दशहरा (विजयादशमी) पूजा विधि | Vijayadashami Dussehra Puja Vidhi Hindi - Description
नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप दशहरा विजयादशमी पूजा विधि PDF / Dussehra Puja Vidhi Hindi PDF प्राप्त कर सकते हैं। विजयादशमी का पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में मनाया जाता है। भिन्न – भिन्न क्षेत्रों में विजयादशमी दशहरा के पर्व भिन्न मान्यताओं के कारण मनाया जाता है।
कुछ क्षेत्रों में मान्यता है कि इस दिन माता दुर्गा देवी ने महिषासुर नामक दैत्य का संहार किया था तथा अन्य मतानुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था अतः दोनों मतानुसार यह पर्व प्रकाश की अंधकार पर तथा अच्छाई की बुराई पर विजय को दर्शाता है। अतः इस दिन आपको विजयादशमी दशहरा का पूजन करना चाहिए।
दशहरा पूजा विधि PDF / Dussehra Puja Vidhi in Hindi PDF
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
- इसके बाद गेंहू या फिर चूने से दशहरा की प्रतिमाएं बनाएं।
- गाय के गोबर से नौ गोले बना लें। फिर इन गोले यानी कंडों पर पर जौ और दही लगायें।
- इसके बाद गोबर से दो कटोरियां बनाएं, एक कटोरी में कुछ सिक्के डाल दें और दूसरी में चावल, रोली, फल, फूल और जौ डालें।
- इसके बाद बनाई हुई प्रतिमाओं पर केले, मूली, ग्वारफली, गुड़ और चावल चढ़ाएं।
- उन प्रतिमाओं के समक्ष धूप-दीप जलाएं।
- इस दिन कई लोग अपने बहीखातों की पूजा भी करते हैं।
- इसके लिए आप अपने बहीखाते पर भी जौ और रोली चढ़ाएं।
- इसके बाद ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और अपनी सामर्थ्य अनुसार उन्हें दान दें।
- इसके बाद घर परिवार के लोग इकट्ठा होकर रावण दहन करें।
- रावण दहन के बाद आप अपने घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लें।
- दशहरा पूजा वाले दिन कई लोग भगवान राम की झांकियों पर जौ चढ़ाते हैं वहीं कई जगह इस दिन लड़के अपने कान पर जौ रखते हैं।
विजयादशमी पूजन मंत्र / Dussehra Puja Mantra
ॐ दशारथाय विद्महे
सीतावल्लभाय धीमहि
तन्नो राम: प्रचोदयात्
दशहरा पूजा सामग्री / Dussehra puja samagri
कर्मांक |
सामाग्री |
1. | दशहरा प्रतिमा, |
2. | गाय का गोबर, |
3. | चूना, |
4. | तिलक, |
5. | मौली, |
6. | चावल, |
7. | फूल, |
8. | नवरात्रि के समय उगे हुए जौ, |
9. | केले, |
10. | मूल, |
11. | ग्वारफली, |
12. | गुड़, |
13. | खीर-पूरी |
14. | व्यापार के बहीखाते। |
दशहरा 2022 पूजा मुहूर्त / Dussehra 2022 Puja Muhurat
- रावण दहन करने का शुभ समय सूर्यास्त के बाद से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
- रावण दहन प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में किए जाने की परंपरा है।
- 5 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र रात 09:15 बजे तक रहेगा।
- इसके अलावा विजय मुहूर्त 02:07 PM से 02:54 PM तक रहेगा।
- अपराह्न पूजा का समय 01:20 PM से 03:41 PM तक रहेगा।
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