स्कंदमाता माता कथा | Skandmata Vrat Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF Summary
नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप स्कंदमाता माता कथा PDF / Skandmata Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF Hindi सरलता से प्राप्त कर सकते है। स्कंदमाता माता कथा अथवा स्कंदमाता व्रत कथा बहुत ही दैवीय कथा है जिसके पाठ व श्रवण से आप देवी श्री स्कंदमाता जी की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं । यदि आप बहुत समय से स्कंदमाता की कथा pdf इंटरनेट पर खोज रहे हैं तथा आपको यह पीडीएफ़ प्राप्त नही हो रही तो आप इस को ध्यान से पढ़ें। हिन्दू धर्म ग्रन्थों के अनुसार भगवान शिव एवं देवी पार्वती के दो पुत्र हैं एक का नाम भगवान गणेश तथा दूसरे का नाम भगवान कार्तिकेय है।
भगवान कार्तिकेय जी का एक नाम स्कन्द देव भी है, अतः माता के इस स्वरूप को देवी स्कंदमाता के नाम से जाना जाने लगा। स्कंदमाता एक बहुत ही सुंदर और चमत्कारी माता हैं जो अपने भक्तों के सारे कष्टों के हर लेती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान माता आदि शक्ति के जिन नौ दिव्य रूपों का पूजन किया जाता है, देवी स्कंदमाता भी उन्हीं देवियों में से एक हैं । स्कंदमाता माँ का पूजन नवरात्रि के पांचवें दिन विधि – विधान से किया जाता है। यदि आप भी स्कंदमाता की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो नवरात्रि के त्योहार में श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा और व्रत का पालन अवश्य करें।
स्कंदमाता व्रत कथा / Maa Skandmata Vrat Katha PDF
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, बहुत पहले एक राक्षस रहता था जिसका नाम तारकासुर था।
- तारकासुर कठोर तपस्या कर रहा था।
- उसकी तपस्या से भगवान ब्रह्मा प्रसन्न हो गए थे।
- वरदान में तारकासुर ने अमर होने की इच्छा रखी।
- यह सुनकर भगवान ब्रह्मा ने उसे बताया कि इस धरती पर कोई अमर नहीं हो सकता है।
- तारकासुर निराश हो गया, जिसके बाद उसने यह वरदान मांगा कि भगवान शिव का पुत्र ही उसका वध कर सके।
- तारकासुर ने यह धारणा बना रखी थी कि भगवान शिव कभी विवाह नहीं करेंगे और ना ही उनका पुत्र होगा।
- तारकासुर यह वरदान प्राप्त करने के बाद लोगों पर अत्याचार करने लगा।
- तंग आकर सभी देवता भगवान शिव से मदद मांगने लगे।
- तारकासुर का वध करने के लिए भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया।
- विवाह करने के बाद शिव-पार्वती का पुत्र कार्तिकेय हुआ।
- जब कार्तिकेय बड़ा हुआ तब उसने तारकासुर का वध कर दिया। कहा जाता है कि स्कंदमाता कार्तिकेय की मां थीं।
स्कंदमाता की आरती / Maa Skandmata Ki Aarti Lyrics in Hindi
जय तेरी हो स्कंदमाता,
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी,
जग जननी सब की महतारी।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं,
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामो से तुझे पुकारा,
मुझे एक है तेरा सहारा।
कही पहाड़ों पर है डेरा,
कई शहरों में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे,
गुण गाये तेरे भगत प्यारे।
भगति अपनी मुझे दिला दो,
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इन्दर आदी देवता मिल सारे,
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये,
तुम ही खंडा हाथ उठाये।
दासो को सदा बचाने आई,
‘चमन’ की आस पुजाने आई।
स्कंदमाता पूजा विधि / Skandmata Puja Vidhi in Hindi
- स्कंदमाता पूजा विधि नवरात्रि के पांचवें दिन सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब घर के मंदिर या पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- गंगाजल से शुद्धिकरण करें फिर एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें और उसे चौकी पर रखें।
- अब पूजा का संकल्प लें।
- इसके बाद स्कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाएं और नैवेद्य अर्पित करें।
- अब धूप-दीपक से मां की आरती उतारें और आरती के बाद घर के सभी लोगों को प्रसाद बांटें और आप भी ग्रहण करें।
- स्कंद माता को सफेद रंग पसंद है इसलिए आप सफेद रंग के कपड़े पहनकर मां को केले का भोग लगाएं।
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