सिद्धिदात्री माता जी की आरती | Siddhidatri Mata Ji Ki Aarti Hindi PDF Summary
नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप सिद्धिदात्री माता जी की आरती / Siddhidatri Mata Ji Ki Aarti PDF प्राप्त कर सकते हैं । नवरात्रि उत्सव के दौरान माता के नौ विशेष रूपों का भिन्न – भिन्न प्रकार से पूजन किया जाता है । माना जाता है कि इन नौ दिनों में माता के नौ रूपों के पूजन से व्यक्ति जीवन में समस्त प्रकार के कष्टों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है तथा सुखी जीवन व्यतीत कर अपने शत्रुओं पर भी हर क्षेत्र में विजय प्राप्त कर सकता हैं ।
माता सिद्धिदात्री जी का पूजन नवरात्रि के नवें अथवा अंतिम दिन किया जाता है । हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ सिद्धिदात्री का पूजन करने से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं । यदि आप भी माता सिद्धिदात्री जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको भी नवरात्रि के अंतिम दिन माता का पूजन करना चाहिए ।
नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं की पूजा-आराधना की जाती हैं। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा की जाती है तो दुसरा दिन ब्रह्मचारिणी माता की पूजा का होता है। वहीं नवरात्रि का तीसरा दिन को चंद्रघंटा माता समर्पित होता है। नवरात्रि के चौथे दिन माँ कुष्मांडा देवी आराधना की जाती है। नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता का ध्यान करते हुए उनका के साथ जाप किया जाता है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है।
नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि माता का विधिवत पूजन अवश्य करें तथा कालरात्रि माता की कथा व आरती भी अवश्य गायें। नवरात्रि के आठवें दिन पूर्ण विधि – विधान से महागौरी माता का पूजन करना चाहिए। सिद्धिदात्री माता जी का पूजन नवरात्रि के नवें अथवा अंतिम दिन किया जाता है। इस दिन भक्तजन कन्याओं की पूजा कर के उनका भोग भी लगाते हैं जिससे दुर्गा माँ बहुत प्रशन्न होती हैं
सिद्धिदात्री माता जी की आरती PDF / Siddhidatri Mata Ji Ki Aarti Lyrics PDF
जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।
तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है॥
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली॥
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥
माँ सिद्धिदात्री पूजा विधि / Maa Siddhidatri Puja Vidhi
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माँ की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- माँ को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माँ को सफेद रंग पसंद है।
- माँ को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।
- माँ को रोली कुमकुम लगाएं।
- माँ को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
- माता सिद्धिदात्री को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए।
- माँ सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है। कहते हैं कि माँ को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।
- माता सिद्धिदात्री का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- माँ की आरती भी करें।
- अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है।
- इस दिन कन्या पूजन भी करें।
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