श्री खाटू श्याम जी चालीसा PDF | Shree Khatu Shyam Ji Chalisa Hindi PDF Summary
नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए खाटू श्याम चालीसा PDF / Khatu Shyam Chalisa PDF Hindi प्रदान करने जा रहे हैं। श्याम चालीसा बाबा खाटू श्याम जी को समर्पित है। इसके प्रतिदिन पाठ करने से बाबा खाटू श्याम जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसीलिए हिन्दू धर्म में खाटू श्याम चालीसा का विशेष महत्व माना गया है।
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खाटू श्याम जी को श्री कृष्ण का कलयुग अवतार माना जाता है। माना जाता है कि महाभारत काल में ये पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। इनकी अनंत शक्ति और सामर्थ्य से प्रभावित होकर भगवान श्रीकृष्ण ने खाटू श्याम जी को कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। इसीलिए इन्हें खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है।
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित भगवान श्री खाटू श्याम जी मंदिर में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु खाटू श्याम जी का दर्शन करने के लिए एवं अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद पाने आते हैं। यदि आप भी अपने जीवन में खाटू श्याम जी की कृपा प्राप्त करके अपने दुखों का अंत करना चाहते हैं, तो प्रतिदिन श्री खाटू श्याम जी चालीसा PDF का श्रद्धापूर्वक पाठ अवश्य करें।
श्री खाटू श्याम जी चालीसा PDF/ Khatu Shyam Chalisa Lyrics in Hindi PDF
|| श्री खाटू श्याम चालीसा ||
|| दोहा ||
श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द।
श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द ||
|| चौपाई ||
श्याम श्याम भजि बारम्बारा,
सहज ही हो भवसागर पारा।
इन सम देव न दूजा कोई,
दीन दयालु न दाता होई।
भीमसुपुत्र अहिलवती जाया,
कहीं भीम का पौत्र कहाया।
यह सब कथा सही कल्पान्तर,
तनिक न मानों इनमें अन्तर।
बर्बरीक विष्णु अवतारा,
भक्तन हेतु मनुज तनु धारा।
वसुदेव देवकी प्यारे,
यशुमति मैया नन्द दुलारे।
मधुसूदन गोपाल मुरारी,
बृजकिशोर गोवर्धन धारी।
सियाराम श्री हरि गोविन्दा,
दीनपाल श्री बाल मुकुन्दा।
दामोदर रणछोड़ बिहारी,
नाथ द्वारिकाधीश खरारी।
नरहरि रूप प्रहलद प्यारा,
खम्भ फारि हिरनाकुश मारा।
राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता,
गोपी बल्लभ कंस हनंता।
मनमोहन चितचोर कहाये,
माखन चोरि चोरि कर खाये।
मुरलीधर यदुपति घनश्याम,
कृष्ण पतितपावन अभिराम।
मायापति लक्ष्मीपति ईसा,
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा।
विश्वपति त्रिभुवन उजियारा,
दीनबन्धु भक्तन रखवारा।
प्रभु का भेद कोई न पाया,
शेष महेश थके मुनियारा।
नारद शारद ऋषि योगिन्दर,
श्याम श्याम सब रटत निरन्तर।
कवि कोविद करि सके न गिनन्ता,
नाम अपार अथाह अनन्ता।
हर सृष्टि हर युग में भाई,
ले अवतार भक्त सुखदाई।
हृदय माँहि करि देखु विचारा,
श्याम भजे तो हो निस्तारा।
कीर पड़ावत गणिका तारी,
भीलनी की भक्ति बलिहारी।
सती अहिल्या गौतम नारी,
भई श्राप वश शिला दुखारी।
श्याम चरण रच नित लाई,
पहुँची पतिलोक में जाई।
अजामिल अरु सदन कसाई,
नाम प्रताप परम गति पाई।
जाके श्याम नाम अधारा,
सुख लहहि दुख दूर हो सारा।
श्याम सुलोचन है अति सुन्दर,
मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर।
गल वैजयन्तिमाल सुहाई,
छवि अनूप भक्तन मन भाई।
श्याम श्याम सुमिरहुं दिनराती,
शाम दुपहरि अरु परभाती।
श्याम सारथी सिके रथ के,
रोड़े दूर होय उस पथ के।
श्याम भक्त न कहीं पर हारा,
भीर परि तब श्याम पुकारा।
रसना श्याम नाम पी ले,
जी ले श्याम नाम के हाले।
संसारी सुख भोग मिलेगा,
अन्त श्याम सुख योग मिलेगा।
श्याम प्रभु हैं तन के काले,
मन के गोरे भोले भाले।
श्याम संत भक्तन हितकारी,
रोग दोष अघ नाशै भारी।
प्रेम सहित जे नाम पुकारा,
भक्त लगत श्याम को प्यारा।
खाटू में है मथुरा वासी,
पार ब्रह्म पूरण अविनासी।
सुधा तान भरि मुरली बजाई,
चहुं दिशि नाना जहाँ सुनि पाई।
वृद्ध बाल जेते नारी नर,
मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर।
दौड़ दौड़ पहुँचे सब जाई,
खाटू में जहाँ श्याम कन्हाई।
जिसने श्याम स्वरूप निहारा,
भव भय से पाया छुटकारा।
|| दोहा ||
श्याम सलोने साँवरे, बर्बरीक तनु धार।
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार।
श्री खाटू श्याम चालीसा – 2
जय हो सुंदर श्याम हमारे,
मोर मुकुट मणिमय हो धारे।
कानन के कुण्डल मोहे,
पीत वस्त्र कहत दुद माला,
साँवरी सूरत भुजा विशाला।।
न ही दोन लोक के स्वामी,
घट घट के हो अंतरयामी।
पद्मनाभ विष्णु अवतारी,
अखिल भुवन के तुम रखवारी।।
खाटू में प्रभु आप विराजे,
दर्शन करते सकल दुःख भाजे।
इत सिंहासन आय सोहते,
ऊपर कलशा स्वर्ण मोहते।
अगद अनट अच्युत जगदा,
माधव सुर नर सुरपति ईशा।
बाजत नौबत शंख नगारे,
घंटा झालर अति इनकारे।
माखन मिश्री भोग लगावे,
नित्य पुजारी चंवर लावे।
जय जय कार होत सब भारी,
दुःख बिसरत सारे नर नारी।
जो कोई तुमको मन से ध्याता,
मन वांछित फल वो नर पाता।
जन मन गण अधिनायक तुम हो,
मधुमय अमृत वाणी तुम हो।
विद्या के भण्डार तुम्ही हो,
सब ग्रंथन के सार तुम्ही हो।
आदि और अनादि तुम हो,
कविजन की कविता में तुम हो।
नील गगन की ज्योति तुम हो,
सूरज चाँद सितारे तुम हो।
तुम हो एक अरु नाम अपारा,
कण कण में तुमरा विस्तारा।।
भक्तों के भगवान तुम्हीं हो,
निर्बल के बलवान तुम्ही हो।
तुम हो श्याम दया के सागर,
तुम हो अनंत गुणों के सागर।।
मन दृढ़ राखि तुम्हें जो ध्यावे,
सकल पदारथ वो नर पावे।।
तुम हो प्रिय भक्तों के प्यारे,
दीन दुःखी जन के रखवारे।
पुत्रहीन जो तुम्हें मनावे,
निश्चय ही वो नर सुत पावे।
जय जय जय श्री श्याम बिहारी,
मैं जाऊँ तुम पर बलिहारी।
जनम मरण सों मुक्ति दीजे,
चरण शरण मुझको रख लीजे।।
प्रातः उठ जो तुम्हें मनावें,
चार पदारथ वो नर पावें।
तुमने अधम अनेकों तारे,
मेरे तो प्रभु तुम्ही सहारे।
मैं हूँ चाकर श्याम तुम्हारा,
दे दो मुझको तनिक सहारा।
कोढ़ी जन आवत जो द्वारे,
मिटे कोढ़ भागत दु : ख सारे।
नयनहीन तुम्हारे ढिंग आवे,
पल में ज्योति मिले सुख पावे।
मैं मूरख अति ही खल कामी,
तुम जानत सब अंतरयामी।
एक बार प्रभु दरसन दीजे,
यही कामना पूरण कीजे।
जब जब जनम प्रभु मैं पाऊँ,
तब चरणों की भक्ति पाऊँ।।
सेवक तुम स्वामी मेरे,
तुम हो पिता पुत्र हम तेरे।
मुझको पावन भक्ति दीजे,
क्षमा भूल सब मेरी कीजे।
पढ़े श्याम चालीसा जोई,
अंतर में सुख पावे सोई।।
सात पाठ जो इसका करता,
अन्न धन से भंडार है भरता।
जो चालीसा नित्य सुनावे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे।।
सहस्र बार जो इसको गावहि,
निश्चय वो नर मुक्ति पावहि।।
किसी रूप में तुमको ध्यावे,
मन चीते फल वो नर पावे।।
‘नन्द ‘ बसो हिरदय प्रभु मेरे,
राखो लाज शरण मैं तेरे।।
खाटू श्याम जी की पूजन विधि / Khatu Shyam Pooja Vidhi
- सबसे पहले बाबा खाटू श्याम का एक चित्र या मूर्ति बाजार से खरीद लायें।
- मूर्ति को किसी साफ़ सुथरी जगह या पूजा स्थान पर विराजें।
- इसके बाद धूप, घी का दीपक, फूल, पुष्पमाला, कच्चा दूध, भोग सामग्री-प्रसाद आदि सामान तैयार रख लें।
- अब श्याम बाबा की फोटो या मूर्ति को पंचामृत या दूध-दही से स्नान करवाएं।
- तत्पश्चात साफ़ पानी से खाटू श्याम बाबा को पुनः स्नान करवायें।
- अब किसी साफ़ एवं मुलायम कपड़े से पोंछकर बाबा को साफ़ कर दें।
- इसके बाद श्याम बाबा को पुष्पमाला, फूल चढ़ायें।
- तदोपरांत घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें, फिर बाबा श्याम को धूप दिखाएँ।
- अब बाबा श्याम को पहले कच्चा दूध और इसके पश्चात भोग-प्रसाद सामग्री अर्पित करें।
- भोग लगाने के पश्चात बाबा श्याम की आरती गाते हुए वन्दना करें।
- पूजा के अंत में पूजन विधि में अनजाने में हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करते हुए बाबा श्याम की कृपा पाने के लिए विनती करें।
- इसके बाद भोग सामग्री से गाय माता के लिए हिस्सा निकालकर खिला दें।
- तत्पश्चात प्रेमपूर्वक बाबा का स्मरण करते हुए प्रसाद ग्रहण करें।
- इसके बाद खाटू श्याम जी के 11 पवित्र नामों का जयकारा लगायें।
- ये 11 नाम इस प्रकार हैं :
- जय श्री श्याम
- जय खाटू वाले श्याम
- जय हो शीश के दानी
- जय हो कलियुग देव की
- जय खाटू नरेश
- जय मोर्वये
- जय हो खाटू वाले नाथ की
- जय मोर्विनंदन श्याम
- लीले के अश्वार की जय
- लखदातार की जय
- हारे के सहारे की जय
खाटू श्याम जी को क्या प्रसाद चढ़ाएं / Khatu Shyam Ji Ka Prasad
- श्री खाटू श्याम बाबा को चढ़ाए जाने वाला मुख्य प्रसाद कच्चा दूध है। यह बाबा को चढ़ाये जाने वाला पहला प्रसाद था, अतः यह बाबा को सबसे प्रिय है। इसलिए प्रयास करें कि कच्चे दूध का प्रसाद बाबा श्याम को अवश्य चढ़ाएं।
- खीर और चूरमा का भोग बाबा को प्रिय है। दुकान से खरीदे खीर-चूरमा के स्थान पर घर का बना खीर-चूरमा अच्छा माना जाता है।
- खोये या मावे की बनी मिठाइयाँ पेड़े आदि बाबा श्याम को सबसे अधिक चढ़ाये जाने वाले प्रसाद हैं।
- अधिकांश भक्त खाटू श्याम बाबा मंदिर में खोये के पेड़े ही चढ़ाते हैं।
- बाबा श्याम को पंचमेवा (काजू, बादाम, छुहारा, किशमिश, मिश्री) का भी भोग लगाया जाता है।
- यह खराब भी नहीं होता और लम्बे समय तक चल जाता है।
खाटू श्याम बाबा की चालीसा पाठ से लाभ / Shyam Chalisa Benefits in Hindi
- इस दिव्य चालीसा का पाठ करके मनुष्य अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।
- श्याम चालीसा के प्रतिदिन पाठ करने से धन-सम्पति की प्राप्ति होती है।
- इसके पाठ से जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
- खाटू श्याम की चालीसा के पाठ करने से बाबा श्याम की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- इस चालीसा का हृदयपूर्वक पाठ करने से मनुष्य को मानसिक सुख की अनुभूति होती है।
- अगर आप अपने जीवन में सुख, शान्ति चाहते हैं, तो श्याम चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।
- अगर आप इस चालीसा का हृदयपूर्वक पाठ नित्य-प्रतिदिन करते हैं तो बाबा श्याम आपकी हर प्रकार के संकटों से रक्षा करते हैं।
- इस चालीसा का पाठ करने वाले जातकों की श्याम बाबा की कृपा से दुखो का अंत हो जाता है।
- श्याम चालीसा का नियमपूर्वक पाठ करने से समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
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