श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी | Shri Krishna Govind Hare Murari Hindi PDF Summary
हे कृष्ण नाथ नारायण नारायण वासुदेव, श्री कृष्ण की ओर से श्री कृष्ण की रक्षा के लिए श्री कृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं। श्री कृष्ण ️ ओम नमो भगवते वासुदेवाय धनवंतरे अमृत कलश हस्ताय सर्वमय विनासनाय त्रलोक नाथाय श्री महाविश्नवे नमः का नाम जपते सदा। अपने आप को सही करें। अभिव्यक्ति की शुरुआत जैसा जैसा जैसा कभी नहीं होता है।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी | Shri Krishna Govind Hare Murari PDF
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
हे नाथ नारायण…॥
एक मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
हे नाथ नारायण…॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥
बंदी गृह के तुम अवतारी
कही जन्मे कही पले मुरारी
किसी के जाये किसी के कहाये
है अद्भुद हर बात तिहारी॥ है अद्भुद…॥
गोकुल में चमके मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥
अधर पे बंशी ह्रदय में राधे
बट गए दोनों में आधे आधे
हे राधा नागर हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के काम साधे॥ सदैव भक्तों…॥
वही गए वही गए वही गए
जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥
गीता में उपदेश सुनाया
धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा
यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देवा
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा॥
हरी बोल, हरी बोल,
हरी बोल, हरी बोल॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा॥
You can download the श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी | Shri Krishna Govind Hare Murari PDF by clicking on the link given below.