शिव हरे शिव राम सखे प्रभु | Shiva Hare Shiv Ram Sakhe Prabhu Sumangali PDF Summary
श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् एक अत्यंत ही दिव्य वैदिक स्तोत्र है जिसे आम बोलचाल की भाषा में शिव हरे शिव राम सखे प्रभु स्तुति के नाम से जाना जाता है। शिव हरे शिव राम सखे प्रभु भजन सांगली विधा में लिखा गया है जो भगवान् शिव व श्री राम जी को समर्पित है। इस भजन में भोलेनाथ की बहुत ही सुन्दर स्तुति की गयी है। यह दिव्य अष्टक श्री रामचरितमानस से लिया गया है। यदि आप भी इस दैवीय स्तुति का आनंद लेना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन से शिव हरे शिव राम सखे प्रभु PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
सभी शिवभक्तों को पूजा-अर्चना करने के बाद शिव जी आरती जरुर करनी चाहिए। जो भी भक्तजन पूजा करते समय शिव स्तुति मंत्र का उच्चारण करते हैं उन्हें भोले की अपार कृपा मिलती है। शिव अमृतवाणी का पाठ करने से हमे जीवन का सार पता चलता है और शिव शतनाम स्तोत्र के गायन से जीवन में सुख-शांति हमेशा बनी रहती है। जो भक्तजन शिवरात्रि का व्रत रखते है उन्हें शिवरात्रि व्रत कथा अवश्य सुननी चाहिए।
शिव हरे शिव राम सखे प्रभु लिरिक्स PDF | Shiva Hare Shiv Ram Sakhe Prabhu Lyrics PDF
श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्
शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥१॥
कमल लोचन राम दयानिधे,हर गुरो गजरक्षक गोपते।
शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥२॥
स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर,भजति तं पुरुषं परं पदम्।
भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं,शिवहरे विजयं कुरू मे वरम् ॥३॥
जय युधिष्ठिर-वल्लभ भूपते,जय जयार्जित-पुण्यपयोनिधे।
जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तुते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥४॥
भवविमोचन माधव मापते,सुकवि-मानस हंस शिवारते।
जनक जारत माधव रक्षमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥५॥
अवनि-मण्डल-मङ्गल मापते,जलद सुन्दर राम रमापते।
निगम-कीर्ति-गुणार्णव गोपते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥६॥
पतित-पावन-नाममयी लता,तव यशो विमलं परिगीयते।
तदपि माधव मां किमुपेक्षसे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥७॥
अमर तापर देव रमापते,विनयतस्तव नाम धनोपमम्।
मयि कथं करुणार्णव जायते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥८॥
हनुमतः प्रिय चाप कर प्रभो,सुरसरिद्-धृतशेखर हे गुरो।
मम विभो किमु विस्मरणं कृतं,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥९॥
नर हरेति परम् जन सुन्दरं,पठति यः शिवरामकृतस्तवम्।
विशति राम-रमा चरणाम्बुजे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥१०॥
प्रातरूथाय यो भक्त्या पठदेकाग्रमानसः।
विजयो जायते तस्य विष्णु सान्निध्यमाप्नुयात् ॥११॥
शिव हरे शिव राम सखे प्रभु सांगली पाठ के लाभ | Shiva Rama Ashtakam Stotram Benefits
- श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् का नियमित पाठ करने से जातक के समस्त शत्रुओं का नाश होता है।
- इस स्तुति के पाठ से व्यक्ति जटिल से जटिल रोगों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
- शिव हरे शिव राम सखे प्रभु एक ऐसा स्तोत्र है जिसके गायन से श्री राम एवं श्री शिव जी दोनों देवों की कृपा प्राप्त होती है।
- किसी शिवालय अथार्त शिव मंदिर में इसका पाठ करने से बहुत शीघ्र ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- मानसिक अशांति से जूझ रहे व्यक्तियों को इसके पाठ से शांति का अनुभव होता है।
शिव हरे शिव राम सखे प्रभु पाठ विधि | Shiva Hare Shiv Ram Sakhe Prabhu Vidhi
- सर्वप्रथम एक कुश के आसन पर पूर्व दिशा की और मुख करके बैठ जाएँ।
- तदोपरांत भगवान शिव एवं श्री राम जी का आवाहन करें।
- अब देवों के समक्ष धुप–दीप आदि प्रज्वलित करें।
- दीप प्रज्वलन के पश्चात पूर्ण भक्तिभाव से स्तोत्र का पाठ करें।
- अन्त में शिव आरती करें तथा भोग अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करें।
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