ਸ਼ਿਵ ਚਾਲੀਸਾ | Shiv Chalisa Punjabi - Description
Dear readers, today we are going to share ਸ਼ਿਵ ਚਾਲੀਸਾ PDF / Shiv Chalisa PDF in Punjabi for all of you. Shiv Chalisa is also known as शिव चालीसा in the Hindi language. In this beautiful praise, Forty Chaupais on Shiva is described. Shiva Chalisa is one of the most popular and wonderful Hindu devotional praise. This divine praise is dedicated to the Hindu deity Lord Shiva.
This powerful Chalisa is adapted from the Shiva Purana, which consists of 40 verses. There are many devotees who recite daily in the morning to easily please Lord Shiva. Lord Bholenath can be pleased soon by chanting Shiv Chalisa with devotion. Along with this, difficult work can also be made very easy by reciting Shiv Chalisa.
Any devotee who recites the forty miraculous lines of Shiva Chalisa with devotion gets the desired boon by the grace of Lord Shiv. For those who want a peaceful and happy life then through our article, they can easily get Shiv Chalisa Punjabi pdf format. So if one also wants special blessings from Him then one must recite Shiva Chalisa after the worship of Him.
Shiv Chalisa Lyrics in Punjabi PDF | ਸ਼੍ਰੀ ਸ਼ਿਵ ਚਾਲੀਸਾ PDF
( ਸ਼ਿਵ ਚਾਲੀਸਾ )
॥ दोहा॥
जय गणेश गिरिजासुवन मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम देउ अभय वरदान ॥
जय गिरिजापति दीनदयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नाग फनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाये ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥
मैना मातु कि हवे दुलारी ।
वाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नंदी गणेश सोहैं तहं कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि कौ कहि जात न काऊ ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तबहिं दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायौ ।
लव निमेष महं मारि गिरायौ ॥
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई
तबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई ।
अकथ अनादि भेद नहीं पाई ॥
प्रकटे उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ह दया तहं करी सहाई ।
नीलकंठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हां ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं त्रिपुरारी ॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनंत अविनाशी ।
करत कृपा सबके घट वासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावैं ।
भ्रमत रहौं मोहे चैन न आवैं ॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
यह अवसर मोहि आन उबारो ॥
ले त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहिं आन उबारो ॥
मात पिता भ्राता सब कोई
संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥
धन निर्धन को देत सदा ही ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करों तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत हैं शम्भु सहाई ॥
रनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र होन की इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
तन नहिं ताके रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा॥
नित नेम उठि प्रातःही पाठ करो चालीस ।
तुम मेरी मनकामना पूर्ण करो जगदीश ॥
Shiv Aarti Lyrics in Punjabi PDF
॥ अथ त्रिगुण आरती शिवजी की॥
जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॥ टेक॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुडासन वृषवाहन साजे ॥ जय॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ जय॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ जय॥
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे
सनकादिक गरुडादिक भूतादिक संगे ॥ जय॥
कर मध्ये सुकमण्डल चक्र त्रिशूल धर्ता
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ जय॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका
प्रणवाक्षर ॐ मध्ये ये तीनों एका ॥ जय॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दो ब्रह्मचारी
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ जय॥
त्रिगुण स्वामी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ जय॥
Shiv Chalisa Benefits in Punjabi PDF
- ਸ਼ਿਵ ਚਾਲੀਸਾ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਪਰੇਸ਼ਾਨੀਆਂ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਦਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਆਸਾਨ ਤਰੀਕਾ ਹੈ।
- ਇਹ ਬਹੁਤ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਚਾਲੀਸਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੇ ਪਾਠ ਕਰਨ ਨਾਲ ਵਿਅਕਤੀ ਹਰ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸਫਲਤਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ।
- ਇਸ ਰੱਬੀ ਸਿਫ਼ਤ-ਸਾਲਾਹ ਦਾ ਲਗਾਤਾਰ 40 ਵਾਰ ਜਾਪ ਕਰਨ ਨਾਲ ਮਨ-ਇੱਛਤ ਫਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।
- ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਵੀ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਸਮੱਸਿਆ ਤੋਂ ਗੁਜ਼ਰ ਰਹੇ ਹੋ ਤਾਂ ਭਗਵਾਨ ਸ਼ਿਵ ਦੀ ਪੂਜਾ ਦੇ ਬਾਅਦ ਪੂਰੀ ਸ਼ਰਧਾ ਨਾਲ ਇਸ ਗੁਣ ਦਾ ਜਾਪ ਕਰੋ।
- ਇਸ ਸਿਫ਼ਤ-ਸਾਲਾਹ ਦਾ ਪਾਠ ਕਰਨ ਨਾਲ ਗੰਭੀਰ ਰੋਗ ਵੀ ਦੂਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ।
- ਸ਼ਿਵ ਚਾਲੀਸਾ ਦਾ ਪਾਠ ਕਰਨ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਵੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਡਰ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਜਲਦੀ ਛੁਟਕਾਰਾ ਮਿਲਦਾ ਹੈ।
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