सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa PDF in Hindi

सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa Hindi PDF Download

सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa in Hindi PDF download link is given at the bottom of this article. You can direct download PDF of सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa in Hindi for free using the download button.

Tags:

सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa Hindi PDF Summary

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप सरस्वती चालीसा / Saraswati Chalisa PDF प्राप्त कर सकते हैं। माता सरस्वती जी को विद्या तथा बुद्धि की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। देवी सरस्वती हिन्दू धर्म की प्रमुख त्रिदेवियों में से एक हैं, जिन्हें देवी लक्ष्मी जी, देवी पार्वती जी तथा देवी सरस्वती जी के नाम से जाना जाता है। देवी लक्ष्मी का कार्य धन- वैभव प्रदान करना,

देवी पार्वती का कार्य प्राणियों को शक्ति व साहस प्रदान करना तथा देवी सरस्वती का कार्य बुद्धिव विद्या प्रदान करना है। यदि आप देवी सरस्वती माता जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको प्रतिदिन श्री सरस्वती चालीसा का पाठ करना चाहिए। यदि आप प्रतिदिन सरस्वती चालीसा का पाठ करने में असमर्थ हैं, तो कम से काम शुक्रवार व रविवार के दिन सरस्वती चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

श्री सरस्वती चालीसा हिंदी / Saraswati Chalisa Lyrics in Hindi PDF

दोहा

जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि।

बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥

पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।

रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥

चौपाई

जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।

जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥

जय जय जय वीणाकर धारी।

करती सदा सुहंस सवारी॥

रूप चतुर्भुजधारी माता।

सकल विश्व अन्दर विख्याता॥

जग में पाप बुद्धि जब होती।

जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥

तबहि मातु ले निज अवतारा।

पाप हीन करती महि तारा॥

बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी।

तव प्रसाद जानै संसारा॥

रामायण जो रचे बनाई।

आदि कवी की पदवी पाई॥

कालिदास जो भये विख्याता।

तेरी कृपा दृष्टि से माता॥

तुलसी सूर आदि विद्धाना।

भये और जो ज्ञानी नाना॥

तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा।

केवल कृपा आपकी अम्बा॥

करहु कृपा सोइ मातु भवानी।

दुखित दीन निज दासहि जानी॥

पुत्र करै अपराध बहूता।

तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥

राखु लाज जननी अब मेरी।

विनय करूं बहु भांति घनेरी॥

मैं अनाथ तेरी अवलंबा।

कृपा करउ जय जय जगदंबा॥

मधु कैटभ जो अति बलवाना।

बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥

समर हजार पांच में घोरा।

फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥

मातु सहाय भई तेहि काला।

बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥

तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।

पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥

चंड मुण्ड जो थे विख्याता।

छण महुं संहारेउ तेहि माता॥

रक्तबीज से समरथ पापी।

सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥

काटेउ सिर जिम कदली खम्बा।

बार बार बिनवउं जगदंब॥

जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा।

छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥

भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई।

रामचन्द्र बनवास कराई॥

एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा।

सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥

को समरथ तव यश गुन गाना।

निगम अनादि अनंत बखाना॥

विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी।

जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥

रक्त दन्तिका और शताक्षी।

नाम अपार है दानव भक्षी॥

दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।

दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥

दुर्ग आदि हरनी तू माता।

कृपा करहु जब जब सुखदाता॥

नृप कोपित जो मारन चाहै।

कानन में घेरे मृग नाहै॥

सागर मध्य पोत के भंगे।

अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥

भूत प्रेत बाधा या दुःख में।

हो दरिद्र अथवा संकट में॥

नाम जपे मंगल सब होई।

संशय इसमें करइ न कोई॥

पुत्रहीन जो आतुर भाई।

सबै छांड़ि पूजें एहि माई॥

करै पाठ नित यह चालीसा।

होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा॥

धूपादिक नैवेद्य चढावै।

संकट रहित अवश्य हो जावै॥

भक्ति मातु की करै हमेशा।

निकट न आवै ताहि कलेशा॥

बंदी पाठ करें शत बारा।

बंदी पाश दूर हो सारा॥

करहु कृपा भवमुक्ति भवानी।

मो कहं दास सदा निज जानी॥

॥ दोहा ॥

माता सूरज कान्ति तव,अंधकार मम रूप।

डूबन ते रक्षा करहु,परूं न मैं भव-कूप॥

बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि,सुनहु सरस्वति मातु।

अधम रामसागरहिं तुम,आश्रय देउ पुनातु॥

सरस्वती आरती / Saraswati Aarti Lyrics PDF

जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी।

सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥

जय सरस्वती माता॥

बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला।

शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥

जय सरस्वती माता॥

देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया।

पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया॥

जय सरस्वती माता॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,ज्ञान प्रकाश भरो।

मोह अज्ञान और तिमिर का,जग से नाश करो॥

जय सरस्वती माता॥

धूप दीप फल मेवा,माँ स्वीकार करो।

ज्ञानचक्षु दे माता,जग निस्तार करो॥

जय सरस्वती माता॥

माँ सरस्वती की आरती,जो कोई जन गावे।

हितकारी सुखकारीज्ञान भक्ति पावे॥

जय सरस्वती माता॥

जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

You can download Saraswati Chalisa PDF in Hindi by clicking on the following download button.

सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa pdf

सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa PDF Download Link

REPORT THISIf the download link of सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa PDF is not working or you feel any other problem with it, please Leave a Comment / Feedback. If सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa is a copyright material Report This. We will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published.