रामायण कथा | Ramayan Katha Hindi PDF Summary
नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए रामायण की कहानी लेकर आए हैं। रामायण कथा | Ramayan Katha PDF हिंदी भाषा में। अगर आपको रामायण कहानी पसंद है। अगर आप रामायण कथा हिंदी पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। इस लेख में हम आपको रामायण की कहानी देंगे। रामायण की कथा करने के बाद रामायण की आरती भी अवश्य करनी चाहिए। रामायण कथा के बारे में पूरी जानकारी और पीडीएफ का सीधा डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है।
रामायण-कथा हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान राम विष्णु के मानव अवतार थे। इस अवतार का उद्देश्य मानव जाति को मृत्यु की दुनिया में एक आदर्श जीवन की ओर ले जाना था। अंत में श्री राम ने राक्षस राजा रावण का वध किया और धर्म की पुनर्स्थापना की। रामायण प्राचीन भारत का एक बहुत लोकप्रिय महाकाव्य है। रामायण की मूल रचना महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत भाषा में रची थी, बाद में तुलसीदास ने हिंदी में इन श्लोकों की रचना रामचरितमानस के रूप में की। रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के चरित्र गुणों और बुराई पर अच्छाई की जीत पर विस्तार से चर्चा की गई है। रामायण में लिखे मानवीय मूल्यों को पढ़कर भारतीय इसे श्रद्धा और सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।
रामायण हिंदू रघुवंश के राजा राम की कहानी है। यह आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखित एक अद्वितीय संस्कृत महाकाव्य स्मृति का एक हिस्सा है। इसे आदिकव्य [1] भी कहा जाता है और इसके लेखक महर्षि वाल्मीकि को ‘आदिकावि’ भी कहा जाता है। भारत के अलावा विदेशों में भी रामलीला का भव्य मंचन किया जाता है। प्रसिद्ध कथाकार मोरारी बापू राम कथा के दृष्टान्तों को बहुत ही रोचक तरीके से सुनाते हैं जिसे दुनिया भर में करोड़ों लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ हर दिन देखते हैं।
रामायण कथा | Ramayan Katha PDF
रामायण संकलन है राम के जीवनकाल से जुड़ी घटनाओं का जिसमें गुरू शिक्षा, विवाह, वनवास, मित्रता, युद्ध, अग्नि परीक्षा, विछोह, परित्याग, अविश्वास, मान-अपमान, जीत, दुख, दीवाली और जलसमाधि तक का जीवंत चित्रण पढ़ने को मिलता है। राम एक ऐसा चरित्र है जिसका जीवन मर्यादा, मूल्यों, सीख, और मानवीय एहसासों से भरा रहा।
राम के लिए पिता के शब्द पत्थर की लकीर थे। गुरु के वचन अमल करने योग्य , माताओं का दुलार बांटने योग्य , भाईयों के प्रति दुलार था, हनुमान के लिए मित्रता और सीता के प्रति अथाह प्रेम था। राम में वह सभी गुण थे जो किसी भी अच्छे चरित्रवान व्यक्ति /मनुष्य में हो सकते हैं। राम का चरित्र हमें जीवन को मर्यादाओं में रह कर जीने की सीख भी देता है।
वाल्मीकि रामायण के बाद राम के जीवन पर रामचरितमानस 16 वीं शताब्दी के भारतीय भक्ति कवि गोस्वामी तुलसीदास (1532-1623) द्वारा रचित अवधी भाषा में एक महाकाव्य कविता है। रामचरितमानस शब्द का शाब्दिक अर्थ है “राम के कर्मों की झील”। वर्तमान में इसे हिंदी साहित्य की सबसे बड़ी कृतियों में से एक माना जाता है।
यज्ञ समाप्ति के बाद ऋषि ने दशरथ की तीनों पत्नियों को एक-एक कटोरी खीर खाने को दी। खीर खाने के कुछ महीनों बाद ही तीनों रानियाँ गर्भवती हो गयीं। ठीक 9 महीनों बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने राम को जन्म दिया (राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे), वहीं कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने जुड़वा बच्चों लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।
जिस प्रकार किसी फिल्म में हीरो, हीरोइन अपना किरदार निभाते हैं उसी प्रकार हर युग (सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलयुग) में जीव अपने कर्म आधार पर अपना किरदार निभाने हेतु पृथ्वी पर जन्म लेते हैं चाहे वह स्वर्ग का राजा ही क्यों न हो। पिछले कर्मों के फलस्वरूप सबको अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है तथा चाहकर भी इस काल रूपी ब्रह्म के जाल से बच नहीं सकते।
ये अरहट का कुंआ लोई, या गल बंध्या है सब कोई।
कीड़ी कुंजर और अवतारा, अरहट डोर बंधे कई बारा।।
चतुर्भुजी भगवान कहावें, हरहट डोर बंधे सब आवें।
यो है खोखापुर का कुंआ, या में पड़ा सो निश्चय मुवा।।
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कथा कहानी पुस्तक मिल गया है आपको बहुत बहुत धन्यवाद बताई वागाराम/हरजीराम चौधरी भादरूणा