पितृ तर्पण (श्राद्ध कर्म) विधि मंत्र | Pitru Tarpan Mantra Vidhi Sanskrit - Description
प्रिय पाठकों, प्रस्तुत लेख के माध्यम से आप पितृ तर्पण (श्राद्ध कर्म) विधि मंत्र PDF / Pitru Tarpan Mantra Vidhi PDF Hindi के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। श्राद्ध और तर्पण का अर्थ : सत्य और श्रद्धा से किए गए कर्म श्राद्ध और जिस कर्म से माता, पिता और आचार्य तृप्त हो वह तर्पण है। वेदों में श्राद्ध को पितृयज्ञ कहा गया है।
यह श्राद्ध-तर्पण हमारे पूर्वजों, माता, पिता और आचार्य के प्रति सम्मान का भाव है। ऐसा माना जाता है कि इससे ही पितरों को तृप्ति होती है। कौन कर सकता है तर्पण: पुत्र, पौत्र, भतीजा, भांजा कोई भी श्राद्ध कर सकता है। जिनके घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं है लेकिन पुत्री के कुल में हैं तो धेवता और दामाद भी श्राद्ध कर सकते हैं। पंडित द्वारा भी श्राद्ध कराया जा सकता है।
किन्तु यदि आप घर पर ही श्राद्ध करना चाहते हों तो इस लेख में दी हुई श्राद्ध कर्म विधि pdf के माध्यम से कर सकते हैं। हम आशा करते हैं इस लेख में हमारे द्वारा प्रदान की गयी पितृ तर्पण विधि मंत्र PDF आपके लिए अत्यधिक सहायक सिद्ध होगी तथा आप इस पूजन के माध्यम से अपने पितरों की कृपा व अनुकंपा प्राप्त कर सकते हैं।
Pitru Tarpanam Mantra in Sanskrit PDF / पितृ तर्पण (श्राद्ध विधि) मंत्र PDF
- पिता तर्पण मन्त्र
अपने गोत्र का नाम लेकर बोलें, गोत्रे अस्मतपिता (पिता का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंग जलं व तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः
इस मन्त्र को बोलकर गंगा जल या अन्य जल में दूध, तिल और जौ मिलकर ३ बार पिता को जलांजलि दें। जल देते समय ध्यान करें कि वसु रूप में मेरे पिता जल ग्रहण करके तृप्त हों। इसके बाद पितामह को जल दें।
- पितामह तर्पण मन्त्र
अपने गोत्र का नाम लेकर बोलें, गोत्रे अस्मत्पितामह (पितामह का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः। इस मंत्र से पितामह को भी 3 बार जल दें।
- माता तर्पण मन्त्र
जिनकी माता इस संसार से विदा हो चुकी हैं उन्हें माता को भी जल देना चाहिए। माता को जल देने का मन्त्र पिता और पितामह से अलग होता है। इन्हे जल देने के नियम भी अलग हैं। चूकिं माता का ऋण सबसे बड़ा माना गया है। अतः इन्हें पता से अधिक बार जल दिया जाता है। माता को जल देने का मन्त्र – (गोत्र का नाम लें) गोत्रे अस्मन्माता (माता का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः। इस मन्त्र को पढ़कर जलांजलि पूर्व दिशा में १६ बार, उत्तर दिशा में ७ बार और दक्षिण दिशा में १४ बार दें।
- दादी तर्पण मन्त्र
(गोत्र का नाम लें) गोत्रे पितामां (दादी का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः। इस मन्त्र में जितनी बार माता को जल दिया है दादी को भी जल दें। श्राद्ध में श्रद्धा का महत्व सबसे अधिक है इसलिए जल देने समय मन में माता – पिता और पितरों के रपति श्रद्धा भाव अवशय रखें। श्रद्धा पूर्वक दिया गया अन्न – जल ही पितर ग्रहण करते हैं। यदि श्रद्धा भाव न हो तो पितर उसे ग्रहण नहीं करते हैं।
पितृ तर्पण विधि PDF / Pitru Tarpan Vidhi PDF in Hindi
- अपने गोत्र का उच्चारण करें एवं पिता का नाम लेकर तीन बार उनको तर्पण दें।
- अपने गोत्र का उच्चारण करें, दादाजी (पितामह) का नाम लेकर तीन बार उनको तर्पण दें।
- अपने गोत्र का उच्चारण करें पिताजी के दादाजी (प्रपितामह) का नाम लेकर तीन बार उनको तर्पण दें।
- अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करें, नाना का नाम लेकर उनको तीन बार तर्पण दें।
- अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करें नाना के पिताजी (पर नाना) का नाम लेकर तीन बार तर्पण दें।
- अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करें नाना के दादा (वृद्ध पर नाना) का नाम लेकर तीन बार तर्पण दें।
- अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करें नानी का नाम लेकर तीन बार तर्पण दें।
- अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करें नानाजी की मां (पर नानी) का नाम लेकर तीन बार तर्पण दें।
- अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करें नानाजी की दादी (वृद्ध पर नानी) का नाम लेकर तीन बार तर्पण दें।
- अपने गोत्र का उच्चारण करें अपनी दिवंगत (जो स्वर्गवासी हो) पत्नी से लेकर परिवार के सभी दिवंगत सदस्य का नाम लेकर तीन-तीन बार तर्पण दें। परिवार के साथ-साथ दिवंगत बुआ, मामा, मौसी, मित्र एवं गुरु को भी तर्पण दें।
Shradh 2022 Date List PDF / श्राद्ध पक्ष 2022 सूची PDF
तर्पण तिथि (Date ) | श्राद्ध (Pitru Paksha) |
10 सितंबर 2022 | पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा |
11 सितंबर 2022 | द्वितीया का श्राद्ध |
12 सितंबर 2022 | तृतीया का श्राद्ध |
13 सितंबर 2022 | चतुर्थी का श्राद्ध |
14 सितंबर 2022 | पंचमी का श्राद्ध |
15 सितंबर 2022 | षष्ठी का श्राद्ध |
16 सितंबर 2022 | सप्तमी का श्राद्ध |
18 सितंबर 2022 | अष्टमी का श्राद्ध |
19 सितंबर 2022 | नवमी श्राद्ध |
20 सितंबर 2022 | दशमी का श्राद्ध |
21 सितंबर 2022 | एकादशी का श्राद्ध |
22 सितंबर 2022 | द्वादशी (सन्यासियों का श्राद्ध) |
23 सितंबर 2022 | त्रयोदशी का श्राद्ध |
24 सितंबर 2022 | चतुर्दशी का श्राद्ध |
25 सितंबर 2022 | अमावस्या का श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या |
श्राद्ध सामग्री लिस्ट PDF / Shradh Samagri List PDF
क्रमांक |
सामाग्री |
1. | रोली |
2. | सिंदूर |
3. | छोटी सुपारी |
4. | रक्षा सूत्र |
5. | चावल |
6. | जनेऊ |
7. | कपूर |
8. | हल्दी |
9. | देसी घी |
10. | माचिस |
11. | शहद |
12. | काला तिल |
13. | तुलसी पत्ता |
14. | पान का पत्ता |
15. | जौ |
16. | हवन सामग्री |
17. | गुड़ |
18. | मिट्टी का दीया |
19. | रुई बत्ती |
20. | अगरबत्ती |
21. | दही |
22. | जौ का आटा |
23. | गंगाजल |
24. | खजूर |
25. | केला |
26. | सफेद फूल |
27. | उड़द |
28. | गाय का दूध |
29. | घी |
30. | खीर |
31. | स्वांक के चावल |
32. | मूंग |
33. | गन्ना। |
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