ओणम कथा | Onam Katha PDF Hindi PDF Summary
नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ओणम कथा PDF / Onam Katha PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं।जैसा की आप सभी को पता हैं भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। हमारे देश में विभिन्न तरह के त्यौहार मनाएं जाते हैं। उन्ही त्योहारों में से एक ओणम उत्सव भी है जो की केरला और तमिलनाडु में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार लगातार 10 दिनों तक अलग -अलग तरीकों से मनाया जाता है। इस पोस्ट में हमने आपकी मदद करने के लिए ओणम पर्व की कथा और पूजा विधि विस्तार से समझाए हैं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप ओणम की कहानी PDF / Onam Ki Kahani PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं।
ओणम एक मलयाली त्यौहार है, जो केरल और तमिलनाडु में किसानों द्वारा तथा सभी लोग द्वारा बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। हर वर्ष अगस्त और सितंबर महीने में ओणम दक्षिण भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है।
ओणम कथा PDF | Onam Katha PDF in Hindi
महाबली, पहलाद के पोते थे। पहलाद जो असुर हिरनकश्यप के बेटे थे, लेकिन फिर भी वे विष्णु के भक्त थे। अपने दादा की तरह महाबली भी बचपन से ही विष्णु भक्त थे। समय के साथ महाबली बड़े होते गए और उनका साम्राज्य विशाल होते चला गया। वे एक बहुत अच्छे, पराक्रमी, न्यायप्रिय, दानी, प्रजा का भला सोचने वाले रजा थे। महाबली असुर होने के बाद भी धरती एवं स्वर्ग पर राज्य किया करते थे। धरती पर उनकी प्रजा उनसे अत्याधिक प्रसन्न रहती थी, वे अपने राजा को भगवान् के बराबर दर्जा दिया करते थे। इसके साथ ही महाबली में घमंड भी कहीं न कहीं आने लगा था। ब्रह्मांड में बढ़ती असुरी शक्ति को देख बाकि देवी देवता घबरा गए, उन्होंने इसके लिए विष्णु जी की मदद मांगी। विष्णु जी इसके लिए मान जाते है। हिरनकश्यप और पहलाद की पूरी कहानी को यहाँ पढ़ें।
विष्णु जी महाबली को सबक सिखाने के लिए, सभी देवी देवताओं की मदद के लिए माता अदिति के बेटे के रूप में ‘वामन’ बन कर जन्म लेते है। ये विष्णु जी का पांचवां अवतार होते है। एक बार महाबली इंद्र से अपने सबसे ताकतवर शस्त्र को बचाने के लिए, नर्मदा नदी के किनारे अश्व्मेव यज्ञ करते है। इस यज्ञ की सफलता के बाद तीनों लोकों में असुर शक्ति और अधिक ताकतवर हो जाती। महाबली बोलते है, इस यज्ञ के दौरान उनसे जो कोई जो कुछ मांगेगा उसे दे दिया जायेगा। इस बात को सुन वामन इस यज्ञ शाला में आते है। ब्राह्मण के बेटे होने के कारण महाबली उन्हें पूरे सम्मान के साथ अंदर लाता है। महाबली वामन से बोलता है कि वो उनकी किस प्रकार सेवा कर सकता है, उन्हें उपहार में क्या दे सकता है। वामन मुस्कराते हुए कहते है, मुझे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, बस मुझे तो 3 डग जमीन दे दो।
ये बात सुन महाबली के गुरु समझ जाते है कि ये कोई साधारण बालक नहीं है, वे महाबली को उनकी इच्छा पूरी न करने को कहते है। लेकिन महाबली एक अच्छे राजा थे, वे अपने वचनों के पक्के थे, उन्होंने वामन को हाँ कर दिया। महाबली वामन को अपनी इच्छा अनुसार भूमि लेने के लिए बोलते है। ये बात सुन वामन अपने विशाल रूप में आ जाते है। उनके पहले कदम में सारी धरती समां जाती है, उनके दुसरे कदम में स्वर्गलोक आ जाता है। अब उनके तीसरे कदम के लिए राजा के पास कुछ नहीं होता है, तो अपने वचन को पूरा करने के लिए, राजा अपना सर वामन के पैर के नीचे रख देते है. ऐसा करते ही, राजा धरती में पाताललोक में समां जाते है। पाताललोक में जाने से पहले महाबली से एक इच्छा पूछी जाती है। महाबली विष्णु जी से मांगते है कि हर साल धरती में ओणम का त्यौहार उनकी याद में मनाया जाए, और उन्हें इस दिन धरती में आने की अनुमति दी जाये, ताकि वे यहाँ आकर अपनी प्रजा से मिलकर, उनके सुख दुःख को जान सकें।
ओणम की कहानी PDF | Onam Ki Kahani PDF in Hindi – शुभ मुहूर्त
इस साल पंचांग के अनुसार थिरुवोणम् 07 सितंबर 2022 को शाम के समय 04:05 बजे से प्रारंभ होकर 08 सितंबर 2022 को दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा। ओणम का पावन उत्सव केवल थिरुवोणम् नक्षत्र में मनाते हैं, इसलिए यह इस साल 08 सितंबर 2022 को मनाया जाएगा। इस साल ओणम पर सुकर्मा व रवि जैसे शुभ योग बन रहे हैं। यह माना जाता है कि इसमें विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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