नवरात्रि व्रत कथा | Navratri Vrat Katha PDF in Hindi
Published / Updated On: By: deep
नवरात्रि व्रत कथा | Navratri Vrat Katha Hindi PDF Download
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नवरात्रि व्रत कथा | Navratri Vrat Katha PDF Details
नवरात्रि व्रत कथा | Navratri Vrat Katha Hindi PDF Summary
In this article, we are going to share नवरात्रि व्रत कथा PDF / Navratri Vrat Katha PDF Download link with our devotees. The Chaitra Navratri will start on 6th October 2021 and will continue till 15th October 2021. It is one of the major festivals of the Hindu religion in which Goddess Adishakti is worshipped. Devotees of Maa Adishakti worship her nine different forms during Chaitra Navratri by keeping a fast.
जब नवरात्रि शुरू होती हैं तो नवरात्रि पूजन सामग्री को पहले से ही एकत्रित कर लेना चाहिए। पूजा करने से पहले नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए। पूजा करके और भोग अर्पण करके दुर्गा जी की आरती का गायन भी करना चाहिए। यदि आपके शत्रुओं ने आपको बहुत लम्बे समय से पीड़ित कर रखा है तो आपको गुप्त नवरात्रि पूजा विधि के दौरान भक्ति भाव से देवी माँ की पूजा – अर्चना अवश्य करनी चाहिए। नवरात्रि के दिनों में नवरात्रि हवन मंत्र करना बहुत ही फलदायी माना जाता है। इन दिनों में दुर्गा सप्तशती अध्याय 1 से 13तक पाठ करने का बहुत लाभ मिलता है।
नवरात्रि व्रत कथा PDF | Navratri Vrat Katha PDF in Hindi
मनुष्य जाने कितने मनोरथों का चिन्तन करता है पर होता वही है जो भाग्य में विधाता ने लिखा है जो जैसा करता है उसको फल भी उस कर्म के अनुसार मिलता है, क्यों कि कर्म करना मनुष्य के आधीन है। पर फल दैव के आधीन है। जैसे अग्नि में पड़े तृणाति अग्नि को अधिक प्रदीप्त कर देते हैं उसी तरह अपनी कन्या के ऐसे निर्भयता से कहे हुए वचन सुनकर उस ब्राह्मण को अधिक क्रोध आया। तब उसने अपनी कन्या का एक कुष्ठी के साथ विवाह कर दिया और अत्यन्त क्रुद्ध होकर पुत्री से कहने लगा कि जाओ- जाओ जल्दी जाओ अपने कर्म का फल भोगो। देखें केवल भाग्य भरोसे पर रहकर तुम क्या करती हो?
इस प्रकार से कहे हुए पिता के कटु वचनों को सुनकर सुमति मन में विचार करने लगी कि – अहो! मेरा बड़ा दुर्भाग्य है जिससे मुझे ऐसा पति मिला। इस तरह अपने दुख का विचार करती हुई वह सुमति अपने पति के साथ वन चली गई और भयावने कुशयुक्त उस स्थान पर उन्होंने वह रात बड़े कष्ट से व्यतीत की। उस गरीब बालिका की ऐसी दशा देखकर भगवती पूर्व पुण्य के प्रभाव से प्रकट होकर सुमति से कहने लगीं कि हे दीन ब्राह्मणी! मैं तुम पर प्रसन्न हूं, तुम जो चाहो वरदान मांग सकती हो। मैं प्रसन्न होने पर मनवांछित फल देने वाली हूं। इस प्रकार भगवती दुर्गा का वचन सुनकर ब्राह्मणी कहने लगी कि आप कौन हैं जो मुझ पर प्रसन्न हुई हैं, वह सब मेरे लिए कहो और अपनी कृपा दृष्टि से मुझ दीन दासी को कृतार्थ करो। ऐसा ब्राह्मणी का वचन सुनकर देवी कहने लगी कि मैं आदिशक्ति हूं और मैं ही ब्रह्मविद्या और सरस्वती हूं मैं प्रसन्न होने पर प्राणियों का दुख दूर कर उनको सुख प्रदान करती हूं। हे ब्राह्मणी! मैं तुझ पर तेरे पूर्व जन्म के पुण्य के प्रभाव से प्रसन्न हूं।
तुम्हारे पूर्व जन्म का वृतान्त सुनाती हूं सुनो! तुम पूर्व जन्म में निषाद (भील) की स्त्री थी और अति पतिव्रता थी। एक दिन तेरे पति निषाद ने चोरी की। चोरी करने के कारण तुम दोनों को सिपाहियों ने पकड़ लिया और ले जाकर जेलखाने में कैद कर दिया। उन लोगों ने तेरे को और तेरे पति को भोजन भी नहीं दिया। इस प्रकार नवरात्रों के दिनों में तुमने न तो कुछ खाया और न ही जल ही पिया। इसलिए नौ दिन तक नवरात्र का व्रत हो गया। हे ब्राह्मणी! उन दिनों में जो व्रत हुआ उस व्रत के प्रभाव से प्रसन्न होकर तुम्हें मनवांछित वस्तु दे रही हूं। तुम्हारी जो इच्छा हो वह वरदान मांग लो।
नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF | Navratri Pooja Vidhi PDF in Hindi
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
इसके बाद घर के मंदिर की साफ सफाई कर लें। फिर साफ सुथरी चौकी बिछाएं।
उस पर गंगाजल का छिड़काव कर उसे शुद्ध कर लें।
चौकी के पास एक बर्तन रखें जिसमें मिट्टी फैलाकर ज्वार बो दें।
अब चौकी के पास मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें और दुर्गा जी को तिलक लगाएं।
नारियल पर भी तिलक लगाएं। फूलों की माला मां दुर्गा को चढ़ाएं।
फिर कलश स्थापना की तैयारी करें जिसके लिए सबसे पहले स्वास्तिक बना लें।
कलश में जल, अक्षत, सुपारी, रोली और सिक्के डालें और फिर एक लाल रंग की चुनरी उस पर लपेट दें।
नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट PDF | Navratri Pooja Samagri List PDF in Hindi
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