नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF Summary
नवरात्रि नौ दिनों का देवी महोत्सव है, जो दुनिया भर में मनाया जाता है। देवी माता के आगमन से प्रकृति भी प्रसन्न दिखाई देती है। इस पर्व के आते ही चारों ओर प्रसन्नता का वातावरण हो जाता है। यदि आप इस दिव्य अवसर का लाभ उठाने चाहते हैं तथा अपने जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो नवरात्रि रात्रि के नौ दिनों के दौरान देवी मान की पूजा – अर्चना अवश्य करें। नवरात्र पर्व वर्ष में दो बार आता है एक चैत्र माह में, दूसरा आश्विन माह में।
नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा की जाती है तो दुसरा दिन ब्रह्मचारिणी माता की पूजा का होता है। वहीं नवरात्रि का तीसरा दिन को चंद्रघंटा माता समर्पित होता है। नवरात्रि के चौथे दिन माँ कुष्मांडा देवी आराधना की जाती है। नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता का ध्यान करते हुए उनका के साथ जाप किया जाता है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि माता का विधिवत पूजन अवश्य करें तथा कालरात्रि माता की कथा व आरती भी अवश्य गायें। नवरात्रि के आठवें दिन पूर्ण विधि – विधान से महागौरी माता का पूजन करना चाहिए। सिद्धिदात्री माता जी का पूजन नवरात्रि के नवें अथवा अंतिम दिन किया जाता है।
इस लेख में देवी माता के पूजन में उपयोग होने वाली सम्पूर्ण नवरात्रि पूजन विधि हिंदी भाषा में दी गयी है, जिसके अनुसार आप अपने घर पर नवरात्रि देवी पूजन कर सकते हैं। नवरात्रि में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व होता है तथा इससे होने वाले लाभ भी अनंत होते हैं। अतः अपने घर पर नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजन अवशय करें।
नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि 2022 PDF
- नवरात्रि के दिन सबसे पहले नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ पानी से स्नान कर लें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद कलश की स्थापना करना चाहिए। जिसमे आम के पत्ते व पानी डालें । कलश पर पानी वाले नारियल को लाल वस्त्र या फिर लाल मौली में बांध कर रखें।
- उसमें एक बादाम, दो सुपारी एक सिक्का जरूर डालें ।
- तत्पश्चात मूर्ति का आसन, पाद्य, अर्द्ध, आचमय, स्नान, वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन, पुष्पांजलि, नमस्कार, प्रार्थना आदि से पूजन करें।
- मां दुर्गा को फल और मिठाई का भोग लगाएं। धूप, अगरबत्ती से माता रानी की आरती उतारें।
- इसके पश्चात दुर्गा सप्तशती का पाठ दुर्गा स्तुति करें। पाठ स्तुति करने के बाद दुर्गाजी की आरती करके प्रसाद वितरित करें।
चैत्र नवरात्रि 2022 के कार्यक्रम
- 02 अप्रैल को – माँ शैलपुत्री की पूजा व घट स्थापना
- 03 अप्रैल को – माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
- 04 अप्रैल को – माँ चंद्रघंटा का दिवस
- 05 अप्रैल को – माँ कुष्मांडा पूजन
- 06 अप्रैल को – माँ स्कंदमाता की पूजा
- 07 अप्रैल को – माँ कात्यायनी की होगी पूजा
- 08 अप्रैल को – माँ कालरात्रि की आराधना
- 09 अप्रैल को – माँ महागौरी पूजन
- 10 अप्रैल को – माँ सिद्धिदात्री की होगी पूजा
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2022 / Chaitra Navratri Ghatasthapana Muhurat 2022
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