नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि | Chaitra Navratri Puja Vidhi 2023 Hindi PDF Summary
नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF / Navratri Puja Vidhi PDF in Hindi भाषा में प्राप्त कर सकते है। हिन्दू धर्म में देवी माता के भक्त मानते हैं कि नवरात्रि महोत्सव में देवी माँ स्वयं अपने भक्तों को आशीर्वाद देने तथा उनपर कृपा बरसने आती हैं। नवरात्रि का पर्व न केवल भारत में अपितु समूचे विश्व में धूम – धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि में देवी माता का निर्मल मन से पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार के मांगलिक कार्य होते हैं। अतः प्रत्येक मनुष्य को अपने कल्याण हेतु नवरात्रि में पूर्ण भक्ति – भाव से देवी दुर्गा की घटस्थापना कर उनका विधि – विधान से पूजन व व्रत करना चाहिए।
यदि आप भी अपने घर पर नवदुर्गा पूजन करना चाहते हैं तो नवरात्रि पूजन विधि pdf आपके लिए अत्यधिक सहायक सिद्ध होगी। देवी माता के पूजा में पूजन विधि का बहुत अधिक महत्व होता है। पूजन सदैव विधि – विधान से ही करना चाहिए। यहाँ दी गयी पूजा विधि के अनुसार आप अपने घर में देवी पूजन कर सकते हैं तथा देवी माँ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। हमें यहाँ नवरात्रि पूजन सामग्री की लिस्ट भी दी है। आप उस लिस्ट के अनुसार पूजा सामग्री बाजार से ला सकते हैं। इससे आपको पूजन करने में सरलता होगी।
नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF / Navratri Puja Vidhi PDF in Hindi
नवरात्रि के पहले दिन की पूजा कैसे करें?
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- इसके बाद घर के मंदिर की साफ सफाई कर लें। फिर साफ सुथरी चौकी बिछाएं।
- उस पर गंगाजल का छिड़काव कर उसे शुद्ध कर लें।
- चौकी के पास एक बर्तन रखें जिसमें मिट्टी फैलाकर ज्वार बो दें।
- अब चौकी के पास मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें और दुर्गा जी को तिलक लगाएं।
- नारियल पर भी तिलक लगाएं। फूलों की माला मां दुर्गा को चढ़ाएं।
- फिर कलश स्थापना की तैयारी करें जिसके लिए सबसे पहले स्वास्तिक बना लें।
- कलश में जल, अक्षत, सुपारी, रोली और सिक्के डालें और फिर एक लाल रंग की चुनरी उस पर लपेट दें।
नवरात्रि घटस्थापना पूजा मुहूर्त 2023
घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है। | |
चैत्र घटस्थापना – | बुधवार, मार्च 22, 2023 को |
घटस्थापना मुहूर्त – | 06:23 ए एम से 07:32 ए एम |
अवधि – | 01 घण्टा 09 मिनट्स घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है। |
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – | मार्च 21, 2023 को 10:52 पी एम बजे |
प्रतिपदा तिथि समाप्त – | मार्च 22, 2023 को 08:20 पी एम बजे |
मीन लग्न प्रारम्भ – | मार्च 22, 2023 को 06:23 ए एम बजे |
मीन लग्न समाप्त – | मार्च 22, 2023 को 07:32 ए एम बजे
(source – drik panchnag) |
माता शैलपुत्री पूजा विधि / Mata Shailaputri Puja Vidhi Hindi
- एक चौकी पर देवी की स्थापना करें।
- गंगाजल से स्थान पवित्र कर धूप, दीप प्रज्जवलित करें।
- शुभ मुहूर्त में घटस्थापना और कलश स्थापना करने बाद माता शैलपुत्री के रूप का ध्यान करें।
- फिर शैलपुत्री माता के व्रत का संकल्प लें।
- अब निम्नलिखत मन्त्र का यथाशक्ति पाठ करें।
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।”
शैलपुत्री माता का बीज मंत्र / Maa Shailputri Beej Mantra
“ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।”
नवरात्रि व्रत महत्व / Navratri Vrat Ka Mahatva
धार्मिक कथाओं के अनुसार एक बार बृहस्पति जी ने ब्रह्माजी से सवाल किया कि चैत्र व आश्विन मास के शुक्लपक्ष में नवरात्र का व्रत और उत्सव क्यों किया जाता है? इस व्रत का क्या फल है, इसे किस प्रकार करना उचित है? पहले इस व्रत को किसने किया? बृहस्पतिजी के इस सवाल के जवाब में ब्रह्माजी ने कहा- हे बृहस्पतेय! प्राणियों के हित की इच्छा से तुमने बहुत अच्छा प्रश्न किया है।
- जो मनुष्य मनोरथ पूर्ण करने वाली दुर्गा, महादेव, सूर्य और नारायण का ध्यान करते हैं, वे मनुष्य धन्य हैं।
- यह नवरात्र व्रत संपूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला है।
- इसके करने से पुत्र की कामना वाले को पुत्र, धन की लालसा वाले को धन, विद्या की चाहना वाले को विद्या और सुख की इच्छा वाले को सुख मिलता है।
- इस व्रत को करने से रोगी मनुष्य का रोग दूर हो जाता है।
- मनुष्य की संपूर्ण विपत्तियां दूर हो जाती हैं और घर में समृद्धि की वृद्धि होती है, बन्ध्या को पुत्र प्राप्त होता है।
- समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है और मन का मनोरथ सिद्ध हो जाता है।
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