नारायण कवच | Narayan Kavach PDF in Hindi

नारायण कवच | Narayan Kavach Hindi PDF Download

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नारायण कवच | Narayan Kavach Hindi PDF Summary

नमस्कार मित्रों, इस लेख के माध्यम से हम आपको नारायण कवच PDF / Narayan Kavach PDF in Hindi प्रदान करने जा रहे हैं।  नारायण कवच एक अत्यंत ही चमत्कारी एवं दिव्य स्तुति है। यह भगवान श्री हरी विष्णु जी को समर्पित है। सनातन हिन्दू धर्म में भगवान श्री विष्णु जी को त्रिमूर्तिओं में से एक माना गया है। अनेकों भक्त उनकी प्रतिदिन श्रद्धापूर्वक पूजा-आराधना करते हैं।

यदि आप अपने जीवन में किसी समस्या से अत्यंत ही दुखी है तो इस समस्या से छुटकारा पाने हेतु आप इस स्तुति का भगवान विष्णु जी सामने बैठकर नित्य-प्रतिदिन श्रद्धा से पाठ करें। कहा जाता है कि जीवन में किसी भी प्रकार के भय एवं शत्रु समस्या के निवारण के लिए आप नारायण कवच का पाठ करके अपनी रक्षा स्वयं कर सकते हैं।

इस प्रभावशाली पाठ के नियमित रूप से पाठ करने से मनुष्य की समस्त मनोकामनायें शीघ्र ही पूर्ण होती हैं और जातक को सुख, सौभाग्य, समृद्धि, स्वास्थ्य आदि में विशेष लाभ होता है। इस पोस्ट के माध्यम से आप बड़ी आसानी से सिर्फ एक क्लिक में नारायण कवच हिंदी में PDF डाउनलोड कर सकते हैं। यदि आप इसका प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं तो प्रत्येक गुरुवार के दिन आपको नारायण कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए।

नारायण कवच PDF | Shri Narayan Kavach PDF in Hindi

ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताङ्घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे।
दरारिचर्मासिगदेषुचापाशान् दधानोsष्टगुणोsष्टबाहुः।।

जलेषु मां रक्षतु मत्स्यमूर्तिर्यादोगणेभ्यो वरूणस्य पाशात्।
स्थलेषु मायावटुवामनोsव्यात् त्रिविक्रमः खेऽवतु विश्वरूपः।।

दुर्गेष्वटव्याजिमुखादिषु प्रभुः पायान्नृसिंहोऽसुरयुथपारिः।
विमुञ्चतो यस्य महाट्टहासं दिशो विनेदुर्न्यपतंश्च गर्भाः।।

रक्षत्वसौ माध्वनि यज्ञकल्पः स्वदंष्ट्रयोन्नीतधरो वराहः।
रामोऽद्रिकूटेष्वथ विप्रवासे सलक्ष्मणोsव्याद् भरताग्रजोsस्मान्।।

मामुग्रधर्मादखिलात् प्रमादान्नारायणः पातु नरश्च हासात्।
दत्तस्त्वयोगादथ योगनाथः पायाद् गुणेशः कपिलः कर्मबन्धात्।।

सनत्कुमारो वतु कामदेवाद्धयशीर्षा मां पथि देवहेलनात्।
देवर्षिवर्यः पुरूषार्चनान्तरात् कूर्मो हरिर्मां निरयादशेषात्।।

धन्वन्तरिर्भगवान् पात्वपथ्याद् द्वन्द्वाद् भयादृषभो निर्जितात्मा।
यज्ञश्च लोकादवताज्जनान्ताद् बलो गणात् क्रोधवशादहीन्द्रः।।

द्वैपायनो भगवानप्रबोधाद् बुद्धस्तु पाखण्डगणात् प्रमादात्।
कल्किः कले कालमलात् प्रपातु धर्मावनायोरूकृतावतारः।।

मां केशवो गदया प्रातरव्याद् गोविन्द आसङ्गवमात्तवेणुः।
नारायण प्राह्ण उदात्तशक्तिर्मध्यन्दिने विष्णुररीन्द्रपाणिः।।

देवोsपराह्णे मधुहोग्रधन्वा सायं त्रिधामावतु माधवो माम्।
दोषे हृषीकेश उतार्धरात्रे निशीथ एकोsवतु पद्मनाभः।।

श्रीवत्सधामापररात्र ईशः प्रत्यूष ईशोऽसिधरो जनार्दनः।
दामोदरोऽव्यादनुसन्ध्यं प्रभाते विश्वेश्वरो भगवान् कालमूर्तिः।।

चक्रं युगान्तानलतिग्मनेमि भ्रमत् समन्ताद् भगवत्प्रयुक्तम्।
दन्दग्धि दन्दग्ध्यरिसैन्यमासु कक्षं यथा वातसखो हुताशः।।

गदेऽशनिस्पर्शनविस्फुलिङ्गे निष्पिण्ढि निष्पिण्ढ्यजितप्रियासि।
कूष्माण्डवैनायकयक्षरक्षोभूतग्रहांश्चूर्णय चूर्णयारीन्।।

त्वं यातुधानप्रमथप्रेतमातृपिशाचविप्रग्रहघोरदृष्टीन्।
दरेन्द्र विद्रावय कृष्णपूरितो भीमस्वनोऽरेर्हृदयानि कम्पयन्।।

त्वं तिग्मधारासिवरारिसैन्यमीशप्रयुक्तो मम छिन्धि छिन्धि।
चर्मञ्छतचन्द्र छादय द्विषामघोनां हर पापचक्षुषाम्।।

यन्नो भयं ग्रहेभ्यो भूत् केतुभ्यो नृभ्य एव च।
सरीसृपेभ्यो दंष्ट्रिभ्यो भूतेभ्योंऽहोभ्य एव वा।।

सर्वाण्येतानि भगन्नामरूपास्त्रकीर्तनात्।
प्रयान्तु संक्षयं सद्यो ये नः श्रेयः प्रतीपकाः।।

गरूड़ो भगवान् स्तोत्रस्तोभश्छन्दोमयः प्रभुः।
रक्षत्वशेषकृच्छ्रेभ्यो विष्वक्सेनः स्वनामभिः।।

सर्वापद्भ्यो हरेर्नामरूपयानायुधानि नः।
बुद्धिन्द्रियमनः प्राणान् पान्तु पार्षदभूषणाः।।

यथा हि भगवानेव वस्तुतः सद्सच्च यत्।
सत्यनानेन नः सर्वे यान्तु नाशमुपाद्रवाः।।

यथैकात्म्यानुभावानां विकल्परहितः स्वयम्।
भूषणायुद्धलिङ्गाख्या धत्ते शक्तीः स्वमायया।।

तेनैव सत्यमानेन सर्वज्ञो भगवान् हरिः।
पातु सर्वैः स्वरूपैर्नः सदा सर्वत्र सर्वगः।।

विदिक्षु दिक्षूर्ध्वमधः समन्तादन्तर्बहिर्भगवान् नारसिंहः।
प्रहापयँल्लोकभयं स्वनेन ग्रस्तसमस्ततेजाः।।

नारायण कवच हिंदी में PDF – फायदे (लाभ)

  • प्रतिदिन नारायण कवच के पाठ के माध्यम से आप अपने जीवन में किसी भी समस्या से आसानी छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।
  • यदि आप अपने जीवन में किसी भी प्रकार के भय से परेशान हैं तो इस दिव्य स्तोत्र का पाठ श्रद्धापूर्वक अवश्य करें।
  • इस कवच के पाठ से आप भगवान श्री हरी विष्णु जी को अति शीघ्र प्रसन्न कर सकते हैं।
  • इस पाठ को निष्ठा के साथ करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
  • इस पाठ के प्रभाव से व्यक्ति को भूत, प्रेत, पिशाच आदि जैसे भयानक नामों का भी भय नहीं होता।
  • माना जाता है जो भी भक्त इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करते हैं उन्हें भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • नारायण कवच का पाठ करने से हर प्रकार की आपत्तिओं एवं शत्रुओं से शीघ्र ही छुटकारा मिल जाता है।

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नारायण कवच | Narayan Kavach pdf

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