मंशा महादेव व्रत कथा | Mansha Mahadev Vrat Katha Hindi - Description
दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आएं हैं मंशा महादेव व्रत कथा PDF / Mansha Mahadev Vrat Katha PDF in Hindi जिसमे आपको भगवान शिव को प्रसन्न करने का तरीका व् मंत्र पढ़ने को मिलेंगे। यह व्रत कोई साधारण व्रत नहीं है। इस व्रत को करने से भगवान शिव मन की इच्छाओं को पूरा करते है। यह व्रत श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की विनायकी चतुर्थी से प्रारंभ होता है जो कार्तिक माह के शुल्क पक्ष की विनायक चतुर्थी को समाप्त होता है। इस दिन शिव मंदिर पर शिवलिंग का पूजन करें। मंशा महोदव व्रत के लिए भगवान शिव या नंदी बना हुआ तांबा या पीतल का सिक्का बाजार से खरीद लाएं। इसे स्टील की छोटी सी डिब्बी रख लें। इस पोस्ट में हमने आपके मंशा महादेव व्रत कथा हिंदी PDF / Mansha Mahadev Vrat Katha Hindi PDF डाउनलोड करने के लिए डायरेक्ट लिंक भी दिया हैं।
मंशा महादेव व्रत कथा PDF | Mansha Mahadev Vrat Katha PDF in Hindi
बताया जाता है कि यह मंशा महादेव व्रत देवी-देवताओं के द्वारा किया गया था। जिसे मनुष्य को अवश्य करना चाहिए। बताया जाता है भगवान इंद्र जब चन्द्रमा के श्राप से कुष्ठ रोग से पीडित हो गए थे तो उन्होने यह व्रत कर कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई थी। इसी तरह माता पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था तथा शिवजी के पुत्र भगवान कार्तिकेय ने भी यह व्रत किया था। कार्तिकेय भगवान ने इस व्रत की महिमा मंशा राम ब्राह्मण नामक व्यक्ति को बताई थी। जिसके द्वारा व्रत करने से उसे अवंतिकापुरी के राजा की कन्या पत्नी रूप में प्राप्त हुई थी।
मंशा महादेव की व्रत कथा बागड़ी भाषा में है और यह कथा “श्री तम्बावती नगरी हती | राजा कुबेर राज करता हता | एवु नियम हतो के महादेवजी ने मंदिरे जई सेवा पूजा करी बाद भोजन जिमवु | “ से शुरु होती है |
मंशा महादेव व्रत पूजन विधि PDF
- भगवान शिव का यह व्रत चार वर्ष का रहता है। हर वर्ष यह व्रत सिर्फ चार महीने ही करना रहता है।
- इस व्रत को करने से भगवान शिव बड़ी से बड़ी मन की इच्छा की पूर्ति करते है। श्रावण से कार्तिक माह तक के हर सोमवार को शिवलिंग की पूजा करें।
- सोमवार को शिवलिंग को दूध दही से स्नान करायें। फिर स्वच्छ जल से स्नान करायें। शिवलिंग पर चंदन, अबिर, गुलाल, रोली, चावल चढ़ायें। जिसके बाद बेल पत्र और फूल-माला शिवलिंग पर चढ़ा दें।
- इसी तरह व्रत की सिक्के की भी पूजा करें। व्रत के पहले दिन धागे पर ग्रंथी लगाई है उसे सिक्के के पास ही रखे। व्रत के समापन के दिन ही धागे की ग्रंथी खोल दें। हर वर्ष भिन्न -भिन्न इच्छाओं को लेकर भी यह व्रत कर सकते हैं।
मनसा व्रत कब लिया जाता है?
मनसा वाचा व्रत कैसे करते हैं?
मंशा महोदव व्रत के लिए भगवान शिव या नंदी बना हुआ ताँबा या पीतल का लें। इसे स्टील की छोटी सी डिब्बी रख लें। मन्दिर पर शिवलिंग का पूजन करने से पूर्व सिक्के का पूजन करें तत्पश्चात शिवलिंग का पूजन करें तथा सूत का एक मोटा कच्चा धागा लें। अपनी मनोकामना महादेव को कहते हुए इस धागे पर चार ग्रन्थि (गाँठ) लगा दें।
महादेव के व्रत में क्या क्या खाया जाता है?
महदेव के व्रत में अन्न रहित पेय पदार्थ, सूखे मेवे, सब्जियाँ तथा फलों का सेवन किया जा सकता है।
सोमवार उद्यापन कैसे करें?
- उद्यापन के दिन स्नानोपरान्त श्वेत (सफेद) वस्त्र धारण करें।
- पूजन हेतु एक चौकी या वेदी निर्मित करें। इसे केले के पत्तों तथा सुन्दर पुष्पों से सुसज्जित करें।
- स्वयं या पण्डित जी द्वारा इस चौकी पर भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती, गणपति, कार्तिकेय,नन्दी तथा चन्द्रदेव की प्रतिमा स्थापित करें।
- स्थापना के पश्चात सभी देवों को गंगाजल से स्नान कराएं तथा अक्षत-तिलक लगाएं।
- अब सभी देव शक्तियों को पुष्प-माल अर्पित करें तथा पंचामृत का भोग लगाएं। भोलेनाथ को श्वेत पुष्प अतिप्रिय हैं।
- तदोपरान्त श्वेत मिष्ठान अर्पित करें।
- शिव मन्दिर में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी,गंगाजल तथा पंचामृत आदि से अभिषेक करें तथा बिल्व पत्र, धतूरा व भाँग अर्पित करें ।
- अब काले तिल डालकर शिवलिंग पर 11 लोटे जल अर्पित करें।
- पूजन संपन्न होने के पश्चात भोजन ग्रहण करें।
- उद्यापन के दिन भी एक समय ही भोजन करें।
- रात में भूमि वस्त्र बिछाकर शयन करें।
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