श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF Hindi

श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi PDF Download

Free download PDF of श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi using the direct link provided at the bottom of the PDF description.

DMCA / REPORT COPYRIGHT

श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi - Description

नमस्कार पाठकों, इस लेख में आपको श्री मंगल चालीसा / Mangal Dev Chalisa PDF प्रदान कर रहे हैं। यह चालीसा मंगल देव को समर्पित है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है, उन्हे इस चालीसा का पाठ नित्य – प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए। यदि आप प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं, तो काम से कम प्रति मंगलवार इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।
जिन जातकों की कुंडली में मंगलदोष उपस्थित है तथा उनके जीवन में मंगलदोष के कारण अनेक प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं, तो आपको श्री मंगल चालीसा के पाठ से लाभ होगा। इस चालीसा का पाठ करने से मांगलिक होने के कारण से उत्पन्न होने वाली विवाह सम्बंधित समस्याओं का भी नाश होता हैं।

मंगल ग्रह चालीसा | Mangal Grah Chalisa Lyrics PDF

मंगल मूरति जय जय हनुमंता, मंगल-मंगल देव अनंता।

हाथ व्रज और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजे।

शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।

लाल लंगोट लाल दोऊ नयना, पर्वत सम फारत है सेना।

काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी।

रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।

भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावे।

शत्रुन काट-काट महिं डारे, बंधन व्याधि विपत्ति निवारे।

आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक ते कांपै।

सब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना।

तुम्हरे भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारा।

रामदण्ड कालहु को दण्डा, तुम्हरे परसि होत जब खण्डा।

पवन पुत्र धरती के पूता, दोऊ मिल काज करो अवधूता।

हर प्राणी शरणागत आए, चरण कमल में शीश नवाए।

रोग शोक बहु विपत्ति घराने, दुख दरिद्र बंधन प्रकटाने।

तुम तज और न मेटनहारा, दोऊ तुम हो महावीर अपारा।

दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुख स्वप्न विनाशा।

शत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे।

विपति हरन मंगल देवा, अंगीकार करो यह सेवा।

मुद्रित भक्त विनती यह मोरी, देऊ महाधन लाख करोरी।

श्रीमंगलजी की आरती हनुमत सहितासु गाई।

होई मनोरथ सिद्ध जब अंत विष्णुपुर जाई।

श्री मंगल चालीसा पाठ विधि | Shri Mangal Chalisa Path Vidhi

सर्वप्रथम स्नान आदि से निर्वत्त होकर शुद्ध हो जाएँ।
अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएँ।
एक लकड़ी की चौकी रखें।
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
उस पर मंगलदेव व श्री हनुमान जी का चित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें।
अब उनके समक्ष श्री मंगल चालीसा का पाठ करें।
पाठ संपन्न होने पर आरती करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।
You may also like :

You can download Mangal Dev Chalisa in Hindi PDF by clicking on the following download button.

Download श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF using below link

REPORT THISIf the download link of श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF is not working or you feel any other problem with it, please Leave a Comment / Feedback. If श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa is a copyright material Report This by sending a mail at [email protected]. We will not be providing the file or link of a reported PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *