श्री महालक्ष्मी कवच | Sri Mahalakshmi Kavacham PDF Summary
नमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको श्री महालक्ष्मी कवच PDF / Sri Mahalakshmi Kavacham PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। श्री महालक्ष्मी कवच स्तोत्र देवी महालक्ष्मी जी का अत्यधिक दिव्य कवच है जिसके माध्यम से आप देवी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। देवी महालक्ष्मी की कृपा होने पर व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार की भौतिक सुख – सुविधाओं की कमी नहीं रह जाती। देवी महालक्ष्मी को सुख – सौभाग्य की देवी कहा जाता है। वह प्रत्येक प्राणी के जीवन में धन – धान्य को नियंत्रित करती हैं।
यदि आप भी अपने जीवन में देवी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो श्री महालक्ष्मी कवचम् का प्रतिदिन पाठ अवश्य करें। आप नीचे दिए हुए डाउनलोड लिंक पर जाकर श्री महालक्ष्मी कवच PDF डाउनलोड कर सकते हैं। प्रतिदिन आप परिवार सहित इस कवच का पाठ करें एवं अपने जीवन में सुख – सौभाग्य की वृद्धि करें।
महालक्ष्मी अष्टकम तथा श्री महालक्ष्मी कवच का पाठ करने से लक्ष्मी माता अत्यंत प्रशन्न होती है। भक्तजनों को महालक्ष्मी मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। माता की पूजा- अर्चना कर के लक्ष्मी जी की आरती भी अवश्य करनी चाहिए। श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र तथा सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र का नियमित पाठ करने से लक्ष्मी जी अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं। जो भी भक्तजन आर्थिक रूप से परेशान है उन्हें वैभव लक्ष्मी का व्रत रखना चाहिए और वैभव लक्ष्मी व्रत कथा सुननी चाहिए ऐसा करने से मैया अपने भक्तों पर खूब धनवर्षा करती हैं।
श्री महालक्ष्मी कवचम् PDF | Mahalakshmi Kavacham PDF
।। श्रीमहालक्ष्मीकवचम् ।।
श्री गणेशाय नमः ।
अस्य श्रीमहालक्ष्मीकवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः गायत्री छन्दः
महालक्ष्मीर्देवता महालक्ष्मीप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।
इन्द्र उवाच । समस्तकवचानां तु तेजस्वि कवचोत्तमम् ।
आत्मरक्षणमारोग्यं सत्यं त्वं ब्रूहि गीष्पते ॥ १॥
श्रीगुरुरुवाच । महालक्ष्म्यास्तु कवचं प्रवक्ष्यामि समासतः ।
चतुर्दशसु लोकेषु रहस्यं ब्रह्मणोदितम् ॥ २॥
ब्रह्मोवाच । शिरो मे विष्णुपत्नी च ललाटममृतोद्भवा ।
चक्षुषी सुविशालाक्षी श्रवणे सागराम्बुजा ॥ ३॥
घ्राणं पातु वरारोहा जिह्वामाम्नायरूपिणी ।
मुखं पातु महालक्ष्मीः कण्ठं वैकुण्ठवासिनी ॥ ४॥
स्कन्धौ मे जानकी पातु भुजौ भार्गवनन्दिनी ।
बाहू द्वौ द्रविणी पातु करौ हरिवराङ्गना ॥ ५॥
वक्षः पातु च श्रीर्देवी हृदयं हरिसुन्दरी ।
कुक्षिं च वैष्णवी पातु नाभिं भुवनमातृका ॥ ६॥
कटिं च पातु वाराही सक्थिनी देवदेवता ।
ऊरू नारायणी पातु जानुनी चन्द्रसोदरी ॥ ७॥
इन्दिरा पातु जंघे मे पादौ भक्तनमस्कृता ।
नखान् तेजस्विनी पातु सर्वाङ्गं करूणामयी ॥ ८॥
ब्रह्मणा लोकरक्षार्थं निर्मितं कवचं श्रियः ।
ये पठन्ति महात्मानस्ते च धन्या जगत्त्रये ॥ ९॥
कवचेनावृताङ्गनां जनानां जयदा सदा ।
मातेव सर्वसुखदा भव त्वममरेश्वरी ॥ १०॥
भूयः सिद्धिमवाप्नोति पूर्वोक्तं ब्रह्मणा स्वयम् ।
लक्ष्मीर्हरिप्रिया पद्मा एतन्नामत्रयं स्मरन् ॥ ११॥
नामत्रयमिदं जप्त्वा स याति परमां श्रियम् ।
यः पठेत्स च धर्मात्मा सर्वान्कामानवाप्नुयात् ॥ १२॥
॥ इति श्रीब्रह्मपुराणे इन्द्रोपदिष्टं महालक्ष्मीकवचं सम्पूर्णम् ॥
श्री महालक्ष्मी कवच पाठ विधि | Mahalaxmi Kavacham PDF Paath Vidhi :
- सर्वप्रथम नहाकर स्वच्छ हो जाएँ।
- अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके एक आसन पर बैठ जाएँ।
- उसके बाद देवी महालक्ष्मी जी का आवाहन करें।
- अब उन्हें आसन, पुष्प, फल, धुप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- श्री महालक्ष्मी कवच स्तोत्र का पाठ करें।
- पाठ संपन्न होने पर आरती करें तथा देवी महालक्ष्मी जी का आशीर्वाद ग्रहण करें।
You may also like :
- महालक्ष्मी व्रत कथा | Mahalaxmi Vrat Katha PDF in Hindi
- Sri Mahalakshmi Ashtothram PDF
- मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत कथा | Margashirsha Mahalaxmi Vrat Katha PDF in Hindi
- श्री महालक्ष्मी आरती | Mahalakshmi Aarti PDF in Hindi
- मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत कथा | Margashirsha Mahalaxmi Vrat Katha PDF in Hindi
- महालक्ष्मी अष्टकम | Mahalakshmi Ashtkam in Hindi
- श्री महालक्ष्मी आरती | Mahalakshmi Aarti in Hindi
- लक्ष्मी पंचमी व्रत कथा | Lakshmi Panchami Vrat Katha in Hindi
You can download श्री महालक्ष्मी कवच PDF / Sri Mahalakshmi Kavacham PDF in Hindi by clicking on the following download button.
Marathi meaning bhi add karo pls
Plz maa lakshmi kavach path Punjabi mein bhi add kr lo please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
bahut jald apko pdf mil jayegi