महालक्ष्मी अष्टकम | Mahalakshmi Ashtkam Hindi PDF Summary
Friends, today we are going to present the Mahalakshmi Ashtkam PDF in Hindi / महालक्ष्मी अष्टकम PDF to you. This is a famous prayer of Goddess Lakshmi Maa. Lord Indra was chanted Lakshmi Ashtkam in praise of Mata Lakshmi. In Hindu dharma, Goddess Lakshmi means Good Luck and coming of money in a home. The word Lakshmi is derived from the Sanskrit word Lakshya which means aim. Mahalakshmi is the goddess of wealth and prosperity as written in the Hindu Puranas, both materially and spiritually. In this article, we have also given the download link for महालक्ष्मी अष्टकम PDF | Mahalaxmi Ashtkam PDF.
In Hindu mythology, Goddess Lakshmi, also known as Shri, is also called the goddess of wealth. Mother Lakshmi is the wife of Lord Vishnu, who is also situated in the form of the power of creation, to get the benefit of the stotra, you have to chant Mahalakshmi Ashtakam daily, which will give you wealth, your splendor will increase and at the same time, you will get the full grace of Mother Lakshmi. will be received.
महालक्ष्मी अष्टकम तथा श्री महालक्ष्मी कवच का पाठ करने से लक्ष्मी माता अत्यंत प्रशन्न होती है। भक्तजनों को महालक्ष्मी मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। माता की पूजा- अर्चना कर के लक्ष्मी जी की आरती भी अवश्य करनी चाहिए। श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र तथा सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र का नियमित पाठ करने से लक्ष्मी जी अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं जो भी भक्तजन आर्थिक रूप से परेशान है। उन्हें वैभव लक्ष्मी का व्रत रखना चाहिए और वैभव लक्ष्मी व्रत कथा सुननी चाहिए ऐसा करने से मैया अपने भक्तों पर खूब धनवर्षा करती हैं।
महालक्ष्मी अष्टकम PDF | Mahalakshmi Ashtkam PDF in Hindi
॥ श्री महालक्ष्म्यष्टकम् ॥
श्री गणेशाय नमः
नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते ।
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ १ ॥
नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी ।
सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ २ ॥
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी ।
सर्व दुःख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥३ ॥
सिद्धीबुद्धूीप्रदे देवी भुक्तिमुक्ति प्रदायिनी ।
मंत्रमूर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ४ ॥
आद्यंतरहिते देवी आद्यशक्ती महेश्वरी ।
योगजे योगसंभूते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ५ ॥
स्थूल सूक्ष्म महारौद्रे महाशक्ती महोदरे ।
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ६ ॥
पद्मासनस्थिते देवी परब्रम्हस्वरूपिणी ।
परमेशि जगन्मातर्र महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ७ ॥
श्वेतांबरधरे देवी नानालंकार भूषिते ।
जगत्स्थिते जगन्मार्त महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ८ ॥
महालक्ष्म्यष्टकस्तोत्रं यः पठेत् भक्तिमान्नरः ।
सर्वसिद्धीमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा ॥ ९ ॥
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनं ।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्य समन्वितः ॥१०॥
त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रूविनाशनं ।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा ॥११॥
॥इतिंद्रकृत श्रीमहालक्ष्म्यष्टकस्तवः संपूर्णः ॥
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