महागौरी माता की आरती | Mahagauri Mata Ji Ki Aarti PDF Hindi

महागौरी माता की आरती | Mahagauri Mata Ji Ki Aarti Hindi PDF Download

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महागौरी माता की आरती | Mahagauri Mata Ji Ki Aarti Hindi - Description

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप महागौरी माता की आरती / Mahagauri Mata Ji Ki Aarti PDF प्राप्त कर सकते हैं । महागौरी माता के की पूजा – अर्चना नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है । महागौरी माता के संदर्भ में कहा जाता है कि उनका स्वरूप अत्यधिक गौर वर्ण का है अतः इसलिए उन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है ।

यदि आप नवरात्रि के नौ दिनों का व्रत कर रहे हैं तथा माता महागौरी की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको भी नवरात्रि के आठवें दिन पूर्ण विधि – विधान से माता महागौरी का पूजन करना चाहिए । माता के पूजन के उपरांत पूजन सम्पन्न करने हेतु माँ महागौरी की आरती ही करनी चाहिए । हम आशा करते हैं माता रानी आप अपनी कृपा सदैव बनाए रखें ।

माँ महागौरी की आरती PDF / Maa Mahagauri Ki Aarti PDF Lyrics in Hindi

जय महागौरी जगत की माया।

जया उमा भवानी जय महामाया॥

हरिद्वार कनखल के पासा।

महागौरी तेरी वहां निवासा॥

चंद्रकली ओर ममता अंबे।

जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥

भीमा देवी विमला माता।

कौशिकी देवी जग विख्यता॥

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥

सती {सत} हवन कुंड में था जलाया।

उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥

तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।

शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।

महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

महागौरी माता की कथा / Mahagauri Mata Ki Katha

नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी के रूप का पूजन किया जाता है। पौराणिक शिव पुराण की कथा के अनुसार, महागौरी जब मात्र आठ वर्ष की थी तभी से उन्हें अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का स्पष्ट स्मरण होने लगा था। उसी समय से उन्होंने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में मान लिया और शिवजी को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या करनी भी आरंभ कर दी जिसके चलते देवी ने वर्षों तक घोर तपस्या की। वर्षों तक निराहार तथा निर्जला तपस्या करने के कारण इनका शरीर काला पड़ गया। इनकी तपस्या को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हो गए व उन्होंने इन्हें गंगा जी के पवित्र जल से पवित्र किया जिसके पश्चात् माता महागौरी विद्युत के समान चमक तथा कांति से उज्ज्वल हो गई। इसके साथ ही वह महागौरी के नाम से विख्यात हुई।

माता महागौरी प्रार्थना / Mata Mahagauri Prarthna

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

Shwete Vrishesamarudha Shwetambaradhara Shuchih।

Mahagauri Shubham Dadyanmahadeva Pramodada॥

महागौरी माता स्तुति / Mahagauri Mata Stuti

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Ya Devi Sarvabhuteshu Maa Mahagauri Rupena Samsthita।

Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah॥

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