शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi

शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti Hindi PDF Download

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शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti Hindi PDF Summary

दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है। इनके पिता का नाम पर्वतराज हिमालय है। पर्वतराज हिमलाय जी की पुत्री होने के कारण ही इन्हें शैलपुत्री माता कहा जाता है। देवी शैलपुत्री का वाहन वृषभ अथवा बैल है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
शैलपुत्री माता ने अपने पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष की कन्या के जन्म लिया था, तब इनका एक नाम ‘सती’ भी था। इनका विवाह भगवान भोलेनाथ शंकर जी से हुआ था। देवी शैलपुत्री के पूजन से नवदुर्गा महोत्सव का आरम्भ होता है। अतः इनकी पूजा विधि – विधान से करनी चाहिए।
नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा की जाती है तो दुसरा दिन  ब्रह्मचारिणी माता की पूजा का होता है। वहीं नवरात्रि का तीसरा दिन को चंद्रघंटा माता समर्पित होता है। नवरात्रि के चौथे दिन माँ कुष्मांडा देवी आराधना की जाती है। नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता का ध्यान करते हुए उनका के साथ जाप किया जाता है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि माता का विधिवत पूजन अवश्य करें तथा कालरात्रि माता की कथा व आरती भी अवश्य गायें। नवरात्रि के आठवें दिन पूर्ण विधि – विधान से महागौरी माता का पूजन करना चाहिए। सिद्धिदात्री माता जी का पूजन नवरात्रि के नवें अथवा अंतिम दिन किया जाता है। इसी दिन भक्तजन कंजकों को पूजते है और उनको माता रानी का प्रशाद खिलाते हैं।

शैलपुत्री माता की आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDF

शैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥
शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥
पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥
रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥
सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥
उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥
घी का सुन्दर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के॥
श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥
जय गिरराज किशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥
मनोकामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥

शैलपुत्री माता की आरती कैसे करें?

  • सर्वप्रथम नवदुर्गा पूजन हेतु घटस्थापना करें।
  • अब देवी माँ का आवाहन करें।
  • देवी माँ को पुष्प, चन्दन, अक्षत आदि अर्पित करें।
  • तत्पश्चात देवी शैलपुत्री माँ की कथा पढ़ें।
  • अब देवी शैलपुत्री की आरती करें।
  • अंत में सपरिवार देवी माँ का आशीर्वाद ग्रहण करें।

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शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti pdf

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