मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi Hindi PDF Summary
नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि / Maa Brahmacharini Puja Vidhi pdf प्राप्त कर सकते हैं। नवरात्रि के द्वितीय दिवस के अवसर पर माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा पूर्ण विधि – विधान से करनी चाहिए। माँ ब्रह्मचारिणी का यह रूप तप अथवा तपस्या के महत्व का प्रतिनिधित्व करता है। हमने माता के प्रिय भक्तों की सुविधा हेतु आराधना योग्य सरल और स्पष्ट श्लोक प्रदान किया है जिनके पाठ से आप देवी माँ को प्रसन्न कर सकते हैं। माँ जगदम्बे की भक्ति प्राप्त करने हेतु आपको इस श्लोक को कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।
यदि आप नवदुर्गा महोत्सव के दौरान कलश स्थापना कर रहे हैं तो आपको माता ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त करने हेतु नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह उठकर स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। तत्पश्चात एक लकड़ी की चौकी पर माता को विराजमान कर आसन पर बैठकर माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। उन्हें पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन, धूप, दीप तथा नैवेद्य आदि अर्पित करें।
माँ को दूध, दही, घृत, मधु या शर्करा से स्नान कराएं। ऐसा कहा जाता है कि यदि संभव हो तो मां ब्रह्मचारिणी को पिस्ते की मिठाई का भोग लगाना चाहिए। तदोपरान्त उन्हें पान, सुपारी और लौंग अर्पित करें। इसके पश्चात मां के मंत्रों का जाप एवं आरती करना चाहिए। कुटुंब के साथ श्रद्धाभाव से माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्त को धैर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है तथा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि pdf
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद माँ दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
- अब माँ दुर्गा को अर्घ्य दें।
- मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
- धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
- माँ को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
माँ ब्रह्मचारिणी ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
जपमाला कमण्डलु धरा ब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालङ्कार भूषिताम्॥
परम वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र pdf / Maa Brahmacharini Puja Mantra PDF
- ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
2. या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।
माँ ब्रह्मचारिणी की प्रार्थना
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
माँ ब्रह्मचारिणी की स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
माँ ब्रह्मचारिणी स्तोत्र
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शङ्करप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
माँ ब्रह्मचारिणी कवच
त्रिपुरा में हृदयम् पातु ललाटे पातु शङ्करभामिनी।
अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥
पञ्चदशी कण्ठे पातु मध्यदेशे पातु महेश्वरी॥
षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो।
अङ्ग प्रत्यङ्ग सतत पातु ब्रह्मचारिणी।
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