लक्ष्मी पंचमी व्रत कथा | Lakshmi Panchami Vrat Katha Hindi - Description
नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप लक्ष्मी पंचमी व्रत कथा / Lakshmi Panchami Vrat Katha PDF प्राप्त कर सकते हैं । माता लक्ष्मी जी को हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है । माता लक्ष्मी को धन, वैभव तथा संपत्ति प्रदान करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है तथा वह समस्त प्रकार के भौतिक सुखों को भी नियंत्रित करती हैं ।
यदि आपने जीवन में आर्थिक समस्याओं से घिरे हुये हैं तथा आपको किसी भी प्रकार का मार्ग नही दिख रहा है तो आपको माता लक्ष्मी की शरण अवश्य जाना चाहिए । लक्ष्मी पंचमी व्रत माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का बहुत सटीक एवं सरल उपाय है । इस व्रत के पालन से आप निश्चित ही आर्थिक समस्याओं से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।
महालक्ष्मी अष्टकम तथा श्री महालक्ष्मी कवच का पाठ करने से लक्ष्मी माता अत्यंत प्रशन्न होती है। भक्तजनों को महालक्ष्मी मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। माता की पूजा- अर्चना कर के लक्ष्मी जी की आरती भी अवश्य करनी चाहिए। श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र तथा सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र का नियमित पाठ करने से लक्ष्मी जी अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं जो भी भक्तजन आर्थिक रूप से परेशान है। उन्हें वैभव लक्ष्मी का व्रत रखना चाहिए और वैभव लक्ष्मी व्रत कथा सुननी चाहिए, ऐसा करने से मैया अपने भक्तों पर खूब धनवर्षा करती हैं।
लक्ष्मी पंचमी व्रत कथा / Lakshmi Panchami Vrat Katha PDF
एक बार मां लक्ष्मी देवताओं से रूठ गईं. मां लक्ष्मी के जाने से देवता श्री विहीन हो गये. तब देवराज इंद्र ने मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये कठोर तपस्या की. उनका अनुसरण करते हुए अन्य देवताओं ने भी मां लक्ष्मी का उपवास रखा. देवताओं की तरह असुरों ने भी मां लक्ष्मी की उपासना की. अपने भक्तों की पुकार मां ने सुनी और वे व्रत समाप्ति के पश्चात उत्पन्न हुई, देवता फिर से श्री की कृपा पाकर धन्य हुए. मान्यता है कि यह तिथि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. यही कारण था कि इस तिथि को लक्ष्मी पंचमी के व्रत के रूप में मनाया जाने लगा.
लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि / Lakshmi Panchami Puja Vidhi
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- लक्ष्मी पंचमी के दिन लक्ष्मी पूजा बहुत ही भक्ति व भक्ति के साथ की जाती है, भक्त धन और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा और प्रार्थना करते हैं।
- सबसे पहले, भक्तों को सुबह जल्दी उठना व नहाना चाहिए, देवी लक्ष्मी की प्रार्थना करना और लक्ष्मी पंचमी का व्रत शुरू करना चाहिए।
- मां लक्ष्मी की मूर्ति को एक उंचें स्थान पर रखा जाता है और पंचामृत से साफ किया जाता है।
- फिर, देवी लक्ष्मी की प्रार्थना करने व उन्हें प्रसन्न करने के लिए फूल, केले के पत्ते, चंदन, सुपारी, लाल धागा, चावल, नारियल और दूर्व का प्रसाद अर्पण किया जाता है।
- श्रद्धालु जो सख्त लक्ष्मी पंचमी व्रत का पालन करते हैं और तीव्र निष्ठा व भक्ति के साथ पूजा करते हैं, वह धन, सुख, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद पाते हैं।
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