केतु कवच | Ketu Kavacham PDF Hindi

केतु कवच | Ketu Kavacham Hindi PDF Download

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केतु कवच | Ketu Kavacham Hindi - Description

प्रिय पाठकों, इस लेख के द्वारा आप केतु कवच PDF निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। केतु ग्रह को अश्विनी, मघा एवं मूल नक्षत्र तीन नक्षत्रों का स्वामी माना जाता है। हालाँकि केतु एक क्रूर ग्रह है लेकिन जीवन में अनेक ऐसे क्षेत्र होता हैं, जिन्हें केतु नियंत्रित व प्रभावित करता है। केतु का के भाई अथवा अंग राहु कहलाता है तथा जातक की कुंडली में राहु व केतु की युति से कालसर्प योग बनता है।
हमने अपने प्रिय पाठकों के लिए केतु शांति का एक बहुत ही शुलभ मार्ग बतलाया है। केतु कवच एक ऐसा स्तोत्र है जिसके नियमित पाठ से आप केतु द्वारा उत्पन्न किये गए गंभीर परिणामों से अपने आप का बचाव कर सकते हैं, साथ ही अपने परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं। इस लेख के अंत में आपको केतु कवच PDF का डाउनलोड बटन मिलेगा जिसके द्वारा आप मात्र एक क्लिक करके इस कवच को प्राप्त कर सकते हैं।
 

केतु कवच स्तोत्र / Ketu Kavacham Lyrics in Sanskrit PDF

 

।। केतुकवचम् ।।

ॐ अस्य श्रीकेतुकवचस्तोत्रमहामन्त्रस्य त्र्यम्बक ॠषिः ।

अनुष्टुप्छन्दः । केतुर्देवता ।

कं बीजं । नमः शक्तिः ।

केतुरिति कीलकम् ।

केतुकृत पीडा निवारणार्थे, सर्वरोगनिवारणार्थे,

सर्वशत्रुविनाशनार्थे, सर्वकार्यसिद्ध्यर्थे,

केतुप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

श्रीगणेशाय नमः ।

केतुं करालवदनं चित्रवर्णं किरीटिनम् ।

प्रणमामि सदा केतुं ध्वजाकारं ग्रहेश्वरम् ॥ १॥

चित्रवर्णः शिरः पातु भालं धूम्रसमद्युतिः ।

पातु नेत्रे पिङ्गलाक्षः श्रुती मे रक्तलोचनः ॥ २॥

घ्राणं पातु सुवर्णाभश्चिबुकं सिंहिकासुतः ।

पातु कण्ठं च मे केतुः स्कन्धौ पातु ग्रहाधिपः ॥ ३॥

हस्तौ पातु सुरश्रेष्ठः कुक्षिं पातु महाग्रहः ।

सिंहासनः कटिं पातु मध्यं पातु महासुरः ॥ ४॥

ऊरू पातु महाशीर्षो जानुनी मेऽतिकोपनः ।

पातु पादौ च मे क्रूरः सर्वाङ्गं नरपिङ्गलः ॥ ५॥

य इदं कवचं दिव्यं सर्वरोगविनाशनम् ।

सर्वशत्रुविनाशं च धारणाद्विजयी भवेत् ॥ ६॥

॥ इति श्रीब्रह्माण्डपुराणे केतुकवचं सम्पूर्णम् ॥

 

केतु कवच के लाभ / Ketu Kavacham PDF Benefits in Hindi

  • केतु कवच के पाठ से केतु की महादशा व अन्तर्दशा में लाभ होता है।
  • यदि आप विधिवत केतु कवच का पाठ करते हैं, तो कुंडली में केतु के नकारात्मक प्रभाव नहीं होते हैं।
  • केतु व राहु की पूजन से कालसर्प दोष का निवारण होता है।
  • केतु एक क्रूर ग्रह है, अतः आप केतु कवच के माध्यम से केतु के क्रूर प्रभाव से बच सकते हैं।
  • इस कवच के फलस्वरूप आप केतु शांति भी कर सकते हैं।

 
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