करवा चौथ की कहानी | Karwa Chauth Ki Kahani Hindi PDF Summary
Friends, today we are going to present the करवा चौथ की कहानी PDF / Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindi for married women of India. Karva Chauth fast is observed on the Chaturthi Tithi of Krishna Paksha of Kartik month. On this day, married women keep a Nirjala fast for the long life of their husbands. The fast is broken after offering Arghya to the moon on Karva Chauth Vrat. Below we have also given a direct download link for करवा चौथ व्रत कथा PDF / Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Hindi.
This year Karva Chauth fast is on 24th October. If you are also going to fast for the first time this year, then know the worship material, worship method, and sixteen adornments of this fast. In this article, you can download the करवा चौथ की कहानी PDF / Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindi.
करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान का पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब ४ बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है।
करवा चौथ की कहानी PDF | Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindi
एक ब्राह्मण के सात पुत्र थे और वीरावती नाम की इकलौती पुत्री थी। सात भाइयों की अकेली बहन होने के कारण वीरावती सभी भाइयों की लाडली थी और उसे सभी भाई जान से बढ़कर प्रेम करते थे. कुछ समय बाद वीरावती का विवाह किसी ब्राह्मण युवक से हो गया। विवाह के बाद वीरावती मायके आई और फिर उसने अपनी भाभियों के साथ करवाचौथ का व्रत रखा लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्य देकर ही खा सकती है। लेकिन चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।
वीरावती की ये हालत उसके भाइयों से देखी नहीं गई और फिर एक भाई ने पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा लगा की चांद निकल आया है। फिर एक भाई ने आकर वीरावती को कहा कि चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चांद को देखा और उसे अर्घ्य देकर खाना खाने बैठ गई।उसने जैसे ही पहला टुकड़ा मुंह में डाला है तो उसे छींक आ गई। दूसरा टुकड़ा डाला तो उसमें बाल निकल आया। इसके बाद उसने जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने की कोशिश की तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिल गया।
उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं। एक बार इंद्र देव की पत्नी इंद्राणी करवाचौथ के दिन धरती पर आईं और वीरावती उनके पास गई और अपने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना की। देवी इंद्राणी ने वीरावती को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करवाचौथ का व्रत करने के लिए कहा। इस बार वीरावती पूरी श्रद्धा से करवाचौथ का व्रत रखा। उसकी श्रद्धा और भक्ति देख कर भगवान प्रसन्न हो गए और उन्होंनें वीरावती सदासुहागन का आशीर्वाद देते हुए उसके पति को जीवित कर दिया। इसके बाद से महिलाओं का करवाचौथ व्रत पर अटूट विश्वास होने लगा।
करवा चौथ व्रत कथा PDF | Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Hindi – पूजा विधि
- करवा चौथ पूजा करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ करलें और लकड़ी की चौकी बिछाकर उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की तस्वीर या चित्र रखें. साथ ही, उत्तर दिशा में एक जल से भरा कलश स्थापित कर उसमें थोड़े-से अक्षत डालें।
- इसके बाद कलश पर रोली, अक्षत का टीका लगाएं और गर्दन पर मौली बांधें।
- तीन जगह चार पूड़ी और 4 लड्डू लें, अब एक हिस्से को कलश के ऊपर, दूसरे को मिट्टी या चीनी के करवे पर और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध कर रख लें। अब करवाचौथ माता के सामने घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें।
- पूजा करने के बाद साड़ी के पल्ले और करवे पर रखे प्रसाद को बेटे या अपने पति को खिला दें. वहीं, कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें।
- पानी से भरे हुए कलश को पूजा स्थल पर ही रहने दें. चन्द्रोदय के समय इसी कलश के जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें और घर में जो कुछ भी बना हो, उसका भोग चंद्रमा को लगाएं. इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
करवा चौथ की कहानी PDF | Karwa Chauth Ki Kahani PDF – शुभ मुहूर्त
- करवा चौथ बृहस्पतिवार, अक्टूबर 13, 2022 को
- करवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:54 पी एम से 07:09 पी एम
- अवधि – 01 घण्टा 15 मिनट्स
- करवा चौथ व्रत समय – 06:20 ए एम से 08:09 पी एम
- अवधि – 13 घण्टे 49 मिनट्स
- करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 08:09 पी एम
करवा चौथ की कहानी PDF
You may also like :
- Karwa Chauth Puja vidhi in English PDF
- Karwa Chauth Katha in English PDF
- करवा चौथ माता की आरती | Karva Chauth Mata Ki Aarti Lyrics PDF in Hindi
- चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindi
- करवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindi
- करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in Hindi
- करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in Hindi
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप करवा चौथ की कहानी PDF / Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।