कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi Hindi PDF Summary
नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कलश स्थापना विधि मंत्र PDF / Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। घटस्थापना नवरात्रि के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। घटस्थापना को कलशस्थापना के रूप में भी जाना जाता है। कलशस्थापना के साथ इस नौ दिनों के उत्सव का आरम्भ होता है। धार्मिक शास्त्रों में अमावस्या तथा रात के समय घटस्थापना वर्जित है। अतः इन दो अवसरों पर घटस्थापना नहीं करनी चाहिए।
नवरात्री में दुर्गा पूजा के लिए कलश स्थापना करते समय पूर्ण स्वछता का ध्यान रखना चाहिए। सभी पूजन सामग्री शुद्ध होने चाहिए। कलश स्थापना पूजा के उपरांत उस कलश में देवी का निवास हो जाता है। अतः उस कलश को श्रद्धा भाव से देखना चाहिए तथा उसके पास कोई भी अशुद्ध व्यक्ति या वास्तु नहीं होनी चाहिए।
दुर्गा सप्ताशी के दिन दुर्गा सप्तशती कवच का नियमित रूप से पाठ करना बहुत लाभदायी होता है। इसी तरह अष्टमी वाले दिन दुर्गा अष्टमी व्रत कथा को सुनना चाहिए। नवमी नवरात्रि का अंतिम दिन होता है इस दिन महानवमी व्रत कथा सुनकर कन्याओं(कंजकों) का पूजन कर के उनका भोग लगा कर ही व्रत को खोलना चाहिए। माँ दुर्गा को प्रशन्न करने के लिए भक्तजन विधि-विधान से दुर्गा माता का हवन भी कर सकते है। दुर्गा चालीसा का पाठ श्रद्धापूर्वक करने से करने से माता रानी बहुत प्रशन्न होती हैं।भक्त्जाओ को नौ दिन माता के भजन सुनकर और सुनाकर आनंदित रहना चाहिए। माँ दुर्गा के 108 नाम लेकर उनका ध्यान करना चाहिए और हमेशा उनका मनन करते रहना चाहिए।
कलश स्थापना विधि मंत्र PDF | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi
- नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद कलश को पूजा घर में रखें।
- मिट्टी के घड़े के गले में पवित्र धागा बांधे।
- अब कलश को मिट्टी और अनाज के बीज की एक परत से भरें।
- कलश में पवित्र जल भरकर उसमें सुपारी, गंध, अक्षत, दूर्वा घास और सिक्के डालें।
- कलश के मुख पर एक नारियल रखें।
- कलश को आम के पत्तों से सजाएं।
- मंत्रों का जाप करें।
- कलश को फूल, फल, धूप और दीया अर्पित करें।
- देवी महात्म्यम का पाठ करें।
नवरात्री कलश पूजन मंत्र
गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वति!
नर्मदे! सिंधु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।
नवरात्री पूजा संकल्प मंत्र
ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्राह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे, अमुकनामसम्वत्सरे
आश्विनशुक्लप्रतिपदे अमुकवासरे प्रारभमाणे नवरात्रपर्वणि एतासु नवतिथिषु
अखिलपापक्षयपूर्वक-श्रुति-स्मृत्युक्त-पुण्यसमवेत-सर्वसुखोपलब्धये संयमादिनियमान् दृढ़ं पालयन् अमुकगोत्रः
अमुकनामाहं भगवत्याः दुर्गायाः प्रसादाय व्रतं विधास्ये।
बिना मंत्र के नवरात्री कलश स्थापना पूजा कैसे करें ?
अगर आप मंत्र नहीं पढ़ना चाहते है तो आप बिना मंत्र के ही गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का ध्यान करें और साथ ही वरूण देवता का भी ध्यान करना चाहिए। इसके बाद कलश के मुख पर कलावा बांधे और फिर एक कटोरी से कलश को ढ़क देना चाहिए। इसके बाद ढकी गई कटोरी में जौ भरिए। एक नारियल ले उसे लाल कपड़े से लपेटकर कलावें से बांध देना चाहिए। फिर उस नारियल को जौ से भरी हुई कटोरी के ऊपर स्थापित कर देना चाहिए।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 2022
नवरात्रि पूजन सामग्री सूची | Navratri Pujan Samagri List PDF in Hindi
घटस्थापना हेतु निम्नलिखित पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है –
- लाल रंग की गोटेदार चुनरी
- लाल रेशमी चूड़ियां
- सिन्दूर
- आम के पत्ते
- लाल वस्त्र
- लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती
- धूप
- अगरबत्ती
- माचिस
- चौकी
- चौकी के लिए लाल कपड़ा
- नारियल
- दुर्गासप्तशती किताब
- कलश
- साफ चावल
- कुमकुम
- मौली
- श्रृंगार का सामान
- दीपक
- घी/ तेल
- फूल
- फूलों का हार
- पान
- सुपारी
- लाल झंडा
- लौंग
- इलायची
- बताशे अथवा मिश्री
- कपूर
- उपले
- फल/मिठाई
- देवी की प्रतिमा या फोटो
- कलावा
- मेवे
- आम की लकड़ी
- जौ
- धूप
- पांच मेवा
- घी
- लोबान
- गुगल
- लौंग
- कमल गट्टा
- सुपारी
- कपूर
- हवन कुंड
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