कालभैरवाष्टक | Kalabhairava Ashtakam Hindi PDF Summary
नमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको कालभैरवाष्टक PDF / Kalabhairava Ashtakam PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। काल भैरव अष्टकम एक संस्कृत अष्टकम है, जिसे आदि शंकर ने लिखा है। भजन काशी (भैरव के नाम से भी जाना जाता है), मृत्यु के देवता (काल) के काल भैरव के व्यक्तित्व को दर्शाता है। इसमें आठ श्लोक हैं, जो एक अष्टकम की विशेषता है।
इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Kalabhairava Ashtakam PDF Hindi भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं। आदि शंकराचार्य ने कालभैरव अष्टकम की रचना की थी। यह आपको बहुत मजबूत और शक्तिशाली बनाता है। गीत आपको शिव के करीब ले जाएगा और जब आप भजन का जप करेंगे तो आप शिव को महसूस कर सकते हैं। आपके सभी मुद्दों का समाधान होगा क्योंकि काल (समय) आपके पक्ष में रहेगा।
कालभैरवाष्टक PDF | Kalabhairava Ashtakam Lyrics in Hindi PDF
ॐ देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥२॥
शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥३॥
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं
भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम ।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥४॥
धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं
कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम ।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ ५॥
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं
नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरञ्जनम ।
मृत्युदर्पनाशनं कराळदंष्ट्रमोक्षणं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥६॥
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसन्ततिं
दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम ।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकन्धरं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥७॥
भूतसङ्घनायकं विशालकीर्तिदायकं
काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम ।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥८॥
कालभैरवाष्टकं पठन्ति ये मनोहरं
ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम ।
शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं
ते प्रयान्ति कालभैरवाङ्घ्रिसन्निधिं ध्रुवम ॥९॥
Kalabhairava Ashtakam PDF in Hindi – लाभ
- कालभैरव अष्टकम के आखरी श्लोक के अनुसार कालभैरव अष्टकम के पाठ से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
- भैरव भगवान के नाम जप मात्र से मनुष्य को कई रोगों से मुक्ति मिलती है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से भैरव जी संतान को लंबी उम्र प्रदान करते हैं।
- अगर आप भूत-प्रेत बाधा, तांत्रिक क्रियाओं से परेशान है, तो शनिवार या मंगलवार के दिन घर में भैरव अष्टक स्तोत्र का पाठ करने या कराने से समस्त कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
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