ओणम मनाने का तरीका | How to Celebrate Onam Hindi - Description
नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ओणम मनाने का तरीका PDF / How to Celebrate Onam PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। दोस्तों ओणम का त्यौहार इस साल 8 सितम्बर से मनाया जायगा। हमारे देश में विभिन्न तरह के त्यौहार मनाएं जाते हैं। उन्ही त्योहारों में से एक ओणम उत्सव भी है जो की केरला और तमिलनाडु में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार लगातार १० दिनों तक अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। इस पोस्ट में हमने आपकी मदद करने के लिए ओणम पर्व की कथा और पूजा विधि विस्तार से समझाए हैं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Onam Festival 2022 PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
ओणम एक मलयाली त्यौहार है, जो केरल और तमिलनाडु में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। भारत के दक्षिणी क्षेत्रों में ओणम के १० दिनों तक उत्सव जैसा माहौल रहता हैं। इस त्यौहार को मनाने के लिए केरल और तमिलनाडु के लोग बहुत दिनों पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं।
ओणम मनाने का तरीका PDF | How to Celebrate Onam PDF in Hindi
- ओणम त्यौहार की मुख्य धूम कोच्ची के थ्रिक्कारा मंदिर में रहती है. इस मंदिर में ओणम के पर्व पर विशेष आयोजन होता है, जिसे देखने देश विदेश से वहां लोग पहुँचते है. इस मंदिर में पुरे दस दिन एक भव्य आयोजन होता है, नाच गाना, पूजा आरती, मेला, शोपिंग यहाँ की विशेषताएं है. इस जगह पर तरह तरह की प्रतियोगिताएं भी होती है, जिसमें लोग बढचढ कर हिस्सा लेते है।
- ओणम के दस दिन के त्यौहार में पहले दिन अन्थं होता है, जिस दिन से ओणम की तैयारियां चारों ओर शुरू हो जाती है. ओणम के लिए घर की साफ सफाई चालू हो जाती है, बाजार मुख्य रूप से सज जाते है. चारों तरफ त्यौहार का मौहोल बन जाता है।
- पूक्कालम फूलों का कालीन विशेष रूप से ओणम में तैयार किया जाता है। इसे कई तरह के फूलों से तैयार किया जाता है. अन्थं से थिरुवोनम दिन तक इसे बनाया जाता है. ओणम के दौरान पूक्कालम बनाने की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है।
- मार्किट में किसानों के लिए विशेष सेल लगाई जाती है, इसके साथ ही कपड़ो, गहनों के भी मार्किट लगाये जाते है।
- नाव की रेस जिसे वल्लाम्काली कहते है, उसकी तैयारी जोरों शोरों से होती है। इस रेस का आयोजन ओणम के बाद होता है. इस नाव की रेस का आयोजन भारत के सिर्फ इस हिस्से में होता है, जो पुरे विश्व में प्रसिध्य है।
- ओणम त्यौहार के समय छुट्टी भी होती है, जिससे लोग अपने अपने होमटाउन, अपने लोगों के साथ इस त्यौहार को मनाने के लिए जाते है।
- आठवें दिन, जिसे पूरादम कहते है, महाबली एवं वामन की प्रतिमा को साफ़ करके, अच्छे से सजाकर घर एवं मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाता है।
- आखिरी दसवें थिरुवोनम के दिन चावल के घोल से घर के बाहर सजाया जाता है, जल्दी लोग नहाधोकर तैयार हो जाते है. घर को अच्छे से लाइट के द्वारा सजाया जाता है।
- ओणम त्यौहार में नए कपड़े खरीदने एवं उसे पहनने का विशेष महत्व होता है. इसे ओनाक्कोदी कहते है।
- जैसे महाबली दानवीर थे, इसलिए इस त्यौहार में दान का विशेष महत्व होता है। लोग तरह तरह की वस्तुएं गरीबों एवं दानवीरों को दान करते है।
- ओणम के आखिरी दिन बनाये जाये वाले पकवानों को ओणम सद्या कहते है। इसमें 26 तरह के पकवान बनाये जाती है, जिसे केले के पत्ते पर परोसा जाता है।
- ओणम के दौरान केरल के लोक नृत्य को भी वहां देखा जा सकता है, इसका आयोजन भी वहां मुख्य होता है। थिरुवातिराकाली, कुम्मात्तिकाली, कत्थककली, पुलिकाली आदि का विशेष आयोजन होता है।
- वैसे तो ओणम का त्यौहार दसवें दिन ख़त्म हो जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे आगे दो दिन और मनाते है। जिसे तीसरा एवं चौथा ओणम कहते है। इस दौरान वामन एवं महाबली की प्रतिमा को पवित्र नदी में विसर्जित किया जाता है। पूक्कालम को भी इस दिन हटाकर, साफ कर देते है।
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