हनुमान चालीसा आरती PDF

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हनुमान चालीसा आरती PDF Summary

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप हनुमान चालीसा आरती PDF / Hanuman Chalisa Aarti PDF प्राप्त कर सकते हैं । हनुमान जी हिन्दू सनातन धर्म में पूजे जाने वाले प्रमुख देवी – देवताओं में से एक हैं । हनुमान जी को सम्पूर्ण जगत में मर्यादा पुरोषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्त के रूप में भी जाना जाता है। हनुमान जी के 108 नाम है जिन्हें जपने से हमारा उद्धार हो जाता है। हनुमान जी का पूजन करने से भगवान श्री राम भी प्रसन्न होते हैं।
श्री हनुमान चालीसा का पाठ श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने का एक सरल व सटीक उपाय है । इस दिव्य काव्य में चलिस चौपाइयों के द्वारा हनुमान जी की महिमा का गुणगान किया गया है। यदि आप भी हनुमान जी व श्री राम जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो नियमित रूप से श्री हनुमान चलिसा का पाठ करें। हनुमान चालीसा के बाद हनुमान आरती भी करनी चाहिए। इसके अलावा हमें हनुमान वंदना और हनुमान रक्षा स्तोत्रं का पाठ करने से भी लाभ मिलता है।

हनुमान चालीसा आरती PDF | Hanuman Chalisa Aarti PDF

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै।
शंकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग वन्दन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।
नारद सारद सहित अहीसा।।जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।चारों युग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को भावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहिं बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

दोहा

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

हनुमान चालीसा आरती PDF

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥

हनुमान चालीसा पाठ करने की विधि / How to Recite Shri Hanuman Chalisa PDF ?

  • श्री हनुमान के पूजन के लिए सर्वप्रथम व्यक्ति को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धरण करने चाहिए।
  • स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद पूर्व दिशा की ओर आसन लगाकर बैठना चाहिए।
  • तत्पश्चात हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र को सामने रखना चाहिए क्योंकि हनुमान जी की प्रतिमा या फिर राम दरबार का चित्र सामने हो तो अधिक उत्तम होता है।
  • पाठ आरंभ करने से पहले हनुमान जी का स्मरण करें और तस्वीर के सामने कलश में जल रखें।
  • इसके बाद हाथ में चावल, पुष्प, दूर्वा लेकर ॐ हं हनुमते नमः मंत्र का उच्चारण कर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • हनुमान चालीसा का पाठ समाप्त होने के बाद कलश में रखें जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।
  • इसके साथ ही घर के प्रत्येक कोनों में इस जल का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करना से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।

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