छठ पूजा विधि | Chhath Puja Vidhi Hindi - Description
नमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको छठ पूजा विधि PDF / Chhath Puja Vidhi PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। छठ पूजा का त्यौहार भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार पर महिलाएं पुरे दिन निर्जला व्रत करती हैं अपनी संतान की लम्बी उम्र के लिए तथा संतान प्राप्ति के लिए। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है
यह त्योहार मुख्यत: बिहार और झारंखड में मनाया जाता है। छठ पूजा का महा पर्व लगातार चार दिनों तक चलता है तथा इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है। यहाँ से आप छठ पूजा व्रत विधि PDF / Chhath Puja Vrat Vidhi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं वो भी बिना किसी परेशानी के।
इस पर्व को चार दिनों तक मनाया जाता है और छठी मैय्या से संतान की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाती है। छठ पूजा में विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा की जाती है। जिसमें उगते सूर्य के साथ ही डूबते सूर्य को भी जल दिया जाता है।
छठ पूजा विधि PDF / Chhath Puja Vidhi PDF in Hindi
- छठ पर्व में मंदिरों में पूजा नहीं की जाती है और ना ही घर में साफ-सफाई की जाती है।
- पर्व से दो दिन पूर्व चतुर्थी पर स्नानादि से निवृत्त होकर भोजन किया जाता है।
- पंचमी को उपवास करके संध्याकाल में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। तत्पश्चात अलोना (बिना नमक का) भोजन किया जाता है।
- षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इन मंत्रों का उच्चारण करें।
- ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
- पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
- अर्घ्य देने की भी एक विधि होती है। एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढंक दें। तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
छठ पूजा व्रत विधि PDF / Chhath Puja Vrat Vidhi PDF – कार्यक्रम
पहला दिन – नहाय-खाय
छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और इस दिन स्नान के बाद सूर्य देवता को साक्षी मानकर व्रती महिलाएं व्रत का संकल्प लेती है. इसके बाद चने की सब्जी, चावल और साग का सेवन करने के बाद व्रत की शुरुआत की जाती है.
दूसरा दिन – खरना
छठ पूजा के दूसरे दिन खरना होता हे और इस दिन महिलाएं व्रत करती हैं. शाम को इस दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है और सबसे खास बात है कि इस खीर को मिट्टी के चुल्हे पर बनाने की परंपरा है.
तीसरा दिन – छठ
तीसरे दिन छठ होती है और इस दिन महिलाएं किसी तालाव, नदी या घाट पर जाती हैं. जहां छठी मैया की पूजा—अर्चना की जाती है. यह पूजा में महिलाएं पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. इसके बाद वापस घर आकर कोसी भरने की परंपरा है.
चौथा दिन – पारण
छठ पूजा के चौथे दिन व्रत का पारण किया जाता है और छठ पर्व का समापन होता है. इस दिन महिलाएं सुबह सूर्यादय से पहले घाट पर जाकर पानी में खड़ी होती हैं और उगते सूर्य की पूजा कर अर्घ्य देती हैं. फिर प्रसाद खाकर व्रत का पारण किया जाता है.
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