छायावाद की प्रमुख प्रवृत्तियाँ Hindi - Description
नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको छायावाद की प्रमुख प्रवृत्तियाँ PDF के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आज हम आपको बताएँगे छायावाद की प्रमुख प्रवृत्तियों के बारे में वो भी विस्तार से। छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की वह काव्य-धारा है जो लगभग ई.स. 1918 से 1936 तक की प्रमुख युगवाणी रही। छायावाद नामकरण का श्रेय मुकुटधर पाण्डेय को जाता है। मुकुटधर पाण्डेय ने श्री शारदा पत्रिका में एक निबंध प्रकाशित किया जिस निबंध में उन्होंने छायावाद शब्द का प्रथम प्रयोग किया।
प्रकृति प्रेम, नारी प्रेम, मानवीकरण, सांस्कृतिक जागरण, कल्पना की प्रधानता आदि छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएं हैं। छायावाद ने हिंदी में खड़ी बोली कविता को पूर्णतः प्रतिष्ठित कर दिया।
छायावाद की प्रमुख प्रवृत्तियाँ PDF
- आत्माभिव्यक्ति
- नारी-सौंदर्य और प्रेम-चित्रण
- प्रकृति प्रेम
- राष्ट्रीय / सांस्कृतिक जागरण
- रहस्यवाद
- स्वच्छन्दतावाद
- कल्पना की प्रधानता
- दार्शनिकता
- शैलीगत प्रवृत्तियाँ
- सन्दर्भ
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