ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi

ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF Download

ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi in Hindi PDF download link is given at the bottom of this article. You can direct download PDF of ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi in Hindi for free using the download button.

Tags:

ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF Summary

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप ब्रह्मचारिणी माता कथा PDF / Brahmacharini Mata Vrat Katha PDF in Hindi भाषा में प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा – अर्चना की जाती है। ब्रह्मचारिणी माता का विधिवत पूजन करने से व्यक्ति के जीवन आध्यात्मिक उत्थान होता है। नवरात्रि में माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से तप तथा साधना के क्षेत्र में उन्नति का वरदान प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म ग्रन्थों में प्राप्त वर्णन के अनुसार ब्रह्मचारिणी माता सदैव तपस्या में लीन रहती हैं। माँ दुर्गा के दिव्य तपस्वी रूप को माता ब्रह्मचारिणी के रूप से जाना जाता है। यहाँ ब्रह्म का अर्थ है तपस्या। माँ दुर्गा के इस रूप की साधना करने से भक्तों और सिद्धों को अनंत फल की प्राप्ति होती है। जो भी व्यक्ति अपने जीवन में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि की इच्छा रखता है, उसे नवदुर्गा के पर्व में माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप का श्रद्धाभाव से पूजन करना चाहिए।

ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा PDF / Brahmacharini Mata Vrat Katha PDF in Hindi

शास्त्रों के अनुसार देवी ने हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था और भगवान शंकर को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए उन्होंने घोर तपस्या की थी। इतनी कठिन तपस्या करने के कारण ही इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। माता ब्रह्मचारिणी ने तपस्या के दौरान केवल 1000 वर्ष तक फल खाए और 100 वर्षों तक जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया। माता ने कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहती रहीं। माता ने 3000 वर्षों तक सिर्फ बेलपत्र खाए और भगवान शंकर का ध्यान करती रही। 3000 वर्षों तक तपस्या करने के बाद देवी ने बेलपत्र खाना भी छोड़ दिए और कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रहकर घोर तपस्या करती रही। देवी ब्रह्मचारिणी ने पत्तों को भी खाना छोड़ दिया था इसलिए इनका नाम अपर्णा पड़ गया। जब माता ब्रह्मचारिणी ने इतनी तपस्या करी तो उनका शरीर क्षीण गया था तब सभी देवता, ऋषि मुनि ने देवी ब्रह्मचारिणी की तपस्या को एक पुण्य कृत्य बताया और उनकी तपस्या की सराहना की। सभी देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि देवी आपकी मनोकामना पूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलेश्वर आपको पति के रूप में मिलेंगे।

माँ ब्रह्मचारिणी व्रत कथा PDF / Maa Brahmacharini Mata Vrat Katha PDF – 2

ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं। पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और नारदजी के उपदेश से भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी।

इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात्‌ ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया। एक हजार वर्ष तक इन्होंने केवल फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया। कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहे। तीन हजार वर्षों तक टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं। इसके बाद तो उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए। कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं।

पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया। कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर एकदम क्षीण हो गया। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया, सराहना की और कहा- हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की। यह तुम्हीं से ही संभव थी। तुम्हारी मनोकामना परिपूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलि शिवजी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे। अब तपस्या छोड़कर घर लौट जाओ। जल्द ही तुम्हारे पिता तुम्हें बुलाने आ रहे हैं।

ब्रह्मचारिणी माता पूजा विधि PDF / Brahmacharini Mata Pooja Vidhi PDF in Hindi

  • इस दिन सुबह उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं और स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • इसके बाद आसन पर बैठ जाएं।
  • मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें।
  • उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें।
  • मां को दूध, दही, घृत, मधु व शर्करा से स्नान कराएं।
  • मां को भोग लगाएं।
  • उन्हें पिस्ते की मिठाई का भोग लगाएं।
  • फिर उन्हें पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें।
  • मां के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
  • सच्चे मन से मां की पूजा करने पर वो व्यक्ति को संयम रखने की शक्ति प्राप्त करती हैं।

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र / Maa Brahmcharini Mantra PDF

मंत्र – 1

या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

मंत्र – 2

ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी.

सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते..

ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

मां ब्रह्मचारिणी का स्रोत पाठ / Maa Brahmacharini Stotra Path PDF

तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।

ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।

शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥

मां ब्रह्मचारिणी का कवच / Maa Brahmacharini Kavach PDF

त्रिपुरा में हृदयं पातु ललाटे पातु शंकरभामिनी।

अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥

पंचदशी कण्ठे पातुमध्यदेशे पातुमहेश्वरी॥

षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो।

अंग प्रत्यंग सतत पातु ब्रह्मचारिणी।

नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक कर के आप ब्रह्मचारिणी माता कथा PDF (Brahmacharini Mata Vrat Katha PDF in Hindi) निशुल्क डाउनलोड कर सकते है।

ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi pdf

ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi PDF Download Link

REPORT THISIf the download link of ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi PDF is not working or you feel any other problem with it, please Leave a Comment / Feedback. If ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi is a copyright material Report This. We will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published.