बासोड़ा पूजा विधि | Basoda Puja Vidhi Hindi PDF Summary
नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप बासोड़ा पूजा विधि pdf / Basoda Puja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। बासोड़ा पर्व को शीतला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर शीतला माता को समर्पित होता है। इस दिन माता शीतला की पूजा – अर्चना की जाती है जिसके माध्यम से व्यक्ति अनेक प्रकार के रोगों से सुरक्षित रहता है।
बासोड़ा का पर्व उत्तर भारत सहित सम्पूर्ण देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। शीतला माता को बड़ा दयालु एवं कृपावान माना जाता है। यदि आप भी सम्पूर्ण विधि – विधान से माता शीतला की पूजा – अर्चना करना चाहते हैं तथा उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख में दी गयी पूजा विधि का अनुसरण करके पूजन कर सकते हैं।
शीतला अष्टमी पूजा विधि / Sheetala Ashtami Puja Vidhi
- आप शीतला माता की देवी का चित्र स्थापित करके उनकी पूजा घर पर कर सकते हैं या देवी दुर्गा का एक चित्र स्थापित कर सकते हैं क्योंकि शीतला माता दुर्गा माता का अवतार हैं।
- अगरबत्ती, तेल का दीपक जलाएं और उनके चरण कमलों पर ध्यान केंद्रित करें।
- आपको शीतला माता को रबड़ी और दही का भोग लगाना है।
- और श्री शीतला माता चालीसा, श्री शीतला माता अष्टक, बासौदा व्रत कथा या शीतला मां की आरती का पाठ करना है।
- शीतला माता का भोजन जो पिछले दिन तैयार किया जाता है, प्रसाद के रूप में वितरित कर सकते हैं।
बासौदा व्रत नियम
- जो लोग व्रत कर रहे हैं उन्हें पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।
- व्रत के दिन रसोई में आग नहीं जलानी चाहिए।
- अगले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
- साफ और नए कपड़े पहनें।
- पूजा के दिन ताजा बना खाना न खाएं।
- जो भक्त सप्तमी का व्रत कर रहे हैं, उन्हें षष्ठी तिथि की शाम को देवी को चढ़ाए जाने वाले और अगले दिन सेवन करने के लिए खाद्य पदार्थ तैयार करने से पहले अपनी रसोई साफ करनी चाहिए।
- जो लोग अष्टमी का व्रत कर रहे हैं, उन्हें सप्तमी तिथि की शाम को नियमों का पालन करना चाहिए।
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