अनंत चतुर्दशी व्रत कथा | Anant Chaturdashi Vrat Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF Summary
Friends, In this article we have uploaded the अनंत चतुर्दशी व्रत कथा PDF / Anant Chaturdashi Vrat Katha PDF in Hindi / Ganesh Visarjan Vidhi PDF to help you. Anant Chaturdashi / Ganesh Visarjan is a festival celebrated by Hindus. Anant Chaturdashi is the last day of the ten-day Ganesh festival of Ganesh Chaturthi and is also known as Ganesh Chaudas. On the day of Anant Chaturdashi, devotees observe a fast and worship Lord Vishnu in the form of Anant and Anant Sutra is tied to Lord Vishnu, which gives freedom to all obstacles. Anantha Sutra is made of cloth or silk and consists of 14 knots. Below you can download the अनंत चतुर्दशी व्रत कथा PDF / गणेश विसर्जन कथा PDF by using the link.
अनंत चतुर्दशी व्रत कथा PDF | Anant Chaturdashi Vrat Katha Hindi PDF
प्राचीन काल में सुमंत नाम का एक नेक तपस्वी ब्राह्मण था। उसकी पत्नी का नाम दीक्षा था। उसकी एक परम सुंदरी धर्मपरायण तथा ज्योतिर्मयी कन्या थी। जिसका नाम सुशीला था। सुशीला जब बड़ी हुई तो उसकी माता दीक्षा की मृत्यु हो गई।
पत्नी के मरने के बाद सुमंत ने कर्कशा नामक स्त्री से दूसरा विवाह कर लिया। सुशीला का विवाह ब्राह्मण सुमंत ने कौंडिन्य ऋषि के साथ कर दिया। विदाई में कुछ देने की बात पर कर्कशा ने दामाद को कुछ ईंटें और पत्थरों के टुकड़े बांध कर दे दिए।
कौंडिन्य ऋषि दुखी हो अपनी पत्नी को लेकर अपने आश्रम की ओर चल दिए। परंतु रास्ते में ही रात हो गई। वे नदी तट पर संध्या करने लगे।
सुशीला ने देखा- वहां पर बहुत-सी स्त्रियां सुंदर वस्त्र धारण कर किसी देवता की पूजा पर रही थीं। सुशीला के पूछने पर उन्होंने विधिपूर्वक अनंत व्रत की महत्ता बताई। सुशीला ने वहीं उस व्रत का अनुष्ठान किया और चौदह गांठों वाला डोरा हाथ में बांध कर ऋषि कौंडिन्य के पास आ गई।
कौंडिन्य ने सुशीला से डोरे के बारे में पूछा तो उसने सारी बात बता दी। उन्होंने डोरे को तोड़ कर अग्नि में डाल दिया, इससे भगवान अनंत जी का अपमान हुआ। परिणामत: ऋषि कौंडिन्य दुखी रहने लगे। उनकी सारी सम्पत्ति नष्ट हो गई। इस दरिद्रता का उन्होंने अपनी पत्नी से कारण पूछा तो सुशीला ने अनंत भगवान का डोरा जलाने की बात कहीं।
पश्चाताप करते हुए ऋषि कौंडिन्य अनंत डोरे की प्राप्ति के लिए वन में चले गए। वन में कई दिनों तक भटकते-भटकते निराश होकर एक दिन भूमि पर गिर पड़े।
तब अनंत भगवान प्रकट होकर बोले- ‘हे कौंडिन्य! तुमने मेरा तिरस्कार किया था, उसी से तुम्हें इतना कष्ट भोगना पड़ा। तुम दुखी हुए। अब तुमने पश्चाताप किया है। मैं तुमसे प्रसन्न हूं। अब तुम घर जाकर विधिपूर्वक अनंत व्रत करो। चौदह वर्षपर्यंत व्रत करने से तुम्हारा दुख दूर हो जाएगा। तुम धन-धान्य से संपन्न हो जाओगे। कौंडिन्य ने वैसा ही किया और उन्हें सारे क्लेशों से मुक्ति मिल गई।’
श्रीकृष्ण की आज्ञा से युधिष्ठिर ने भी अनंत भगवान का व्रत किया जिसके प्रभाव से पांडव महाभारत के युद्ध में विजयी हुए तथा चिरकाल तक राज्य करते रहे।
अनंत चतुर्दशी पूजा विधि PDF | Anant Chaturdashi Pooja Vidhi Hindi PDF
- प्रात:काल स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर कलश की स्थापना करें।
- कलश पर अष्टदल कमल के समान बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना की जाती है।
- इसके आगे कुंमकुम, केसर या हल्दी से रंग कर बनाया हुआ कच्चे डोरे का चौदह गांठों वाला ‘अनंत’ भी रखा जाता है।
- कुश के अनंत की वंदना करके, उसमें भगवान विष्णु का आह्वान तथा ध्यान करके गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजन करें।
- तत्पश्चात अनंत देव का ध्यान करके शुद्ध अनंत को अपनी दाहिनी भुजा पर बांध लें।
- यह डोरा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला तथा अनंत फल देने वाला माना गया है। यह व्रत धन-पुत्रादि की कामना से किया जाता है।
- इस दिन नए डोरे के अनंत को धारण करके पुराने का त्याग कर देना चाहिए।
- इस व्रत का पारण ब्राह्मण को दान करके करना चाहिए।
अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व 19 सितंबर को पड़ रहा है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 सितंबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 20 सितंबर को सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इस के बाद पूर्णिमा की तिथि लग जाएगी। इस दिन पूजन के शुभ मुहूर्त ये रहेंगे।
- अभिजीत मुहूर्त – 11:56 AM – 12:44 PM
- अमृत काल – 08:14 PM – 09:50 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:42 AM – 05:30 AM
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हिन्दु व्रत कथा हिन्दी,मैथलि मे मिल सकते है सर जी