अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi

अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha Hindi PDF Download

अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha in Hindi PDF download link is given at the bottom of this article. You can direct download PDF of अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha in Hindi for free using the download button.

Tags:

अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha Hindi PDF Summary

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको अजा एकादशी व्रत कथा PDF / Aja Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। सनातन धर्म में एकादशी व्रत कथा का अत्यधिक महत्व होता है। माना जाता है की एकादशी का व्रत करने से मनुष्य विभिन्न प्रकार के भौतिक सुख भोगने के उपरांत श्री वैकुण्ठ धाम को जाता है। भगवान् श्री हरी विष्णु के निवास स्थान को श्री वैकुण्ठ धाम के नाम से जाना जाता है। एक वर्ष में २४ एकादशी होती हैं किन्तु जिस वर्ष में अधिकमास आता है उस वर्ष में २६ एकादशी आती हैं। अजा एकादशी उन्हीं में से एक है जिसका विधिपूर्वक पालन करने से मनुष्य के जीवन में आने वाले विभिन्न प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है।
अजा एकादशी के सन्दर्भ में अनेक कथायें प्रचलित हैं किन्यु यहाँ हम आपके लिए सर्वाधिक लोकप्रिय, प्रमाणिक व पौराणिक कथा का वर्णन कर रहे हैं, जिसके अनुसार प्राचीन काल के प्रसिद्ध राजा सत्यवादी हरिश्चंद्र द्वारा इस व्रत का पालन किया गया था जिसके फलस्वरूप उन्हें अपना खोया हुआ राज्य व मृत पुत्र पुनः प्राप्त हो गया । आप नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके इस पवित्र अजा एकादशी व्रत कथा को प्राप्त कर सकते हैं ताकि अपने जीवन में आने वाली कष्टों से मुक्ति पा सकें।

अजा एकादशी व्रत कथा PDF | Aja Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi

कुंतीपुत्र युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! भाद्रपद कृष्ण एकादशी का क्या नाम है? व्रत करने की विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा करके कहिए।
मधुसूदन कहने लगे कि इस एकादशी का नाम अजा है। यह सब प्रकार के समस्त पापों का नाश करने वाली है। इस एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा का विधान होता है। जो मनुष्य इस दिन भगवान ऋषिकेश की पूजा करता है उसको वैकुंठ की प्राप्ति अवश्य होती है। अब आप इसकी कथा सुनिए।
प्राचीनकाल में हरिशचंद्र नामक एक चक्रवर्ती राजा राज्य करता था। उसने किसी कर्म के वशीभूत होकर अपना सारा राज्य व धन त्याग दिया, साथ ही अपनी स्त्री, पुत्र तथा स्वयं को बेच दिया।
वह राजा चांडाल का दास बनकर सत्य को धारण करता हुआ मृतकों का वस्त्र ग्रहण करता रहा। मगर किसी प्रकार से सत्य से विचलित नहीं हुआ। कई बार राजा चिंता के समुद्र में डूबकर अपने मन में विचार करने लगता कि मैं कहां जाऊं, क्या करूं, जिससे मेरा उद्धार हो।
इस प्रकार राजा को कई वर्ष बीत गए। एक दिन राजा इसी चिंता में बैठा हुआ था कि गौतम ऋषि आ गए। राजा ने उन्हें देखकर प्रणाम किया और अपनी सारी दु:खभरी कहानी कह सुनाई। यह बात सुनकर गौतम ऋषि कहने लगे कि राजन तुम्हारे भाग्य से आज से सात दिन बाद भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अजा नाम की एकादशी आएगी, तुम विधिपूर्वक उसका व्रत करो।
गौतम ऋषि ने कहा कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से तुम्हारे समस्त पाप नष्ट हो जाएंगे। इस प्रकार राजा से कहकर गौतम ऋषि उसी समय अंतर्ध्यान हो गए। राजा ने उनके कथनानुसार एकादशी आने पर विधिपूर्वक व्रत व जागरण किया। उस व्रत के प्रभाव से राजा के समस्त पाप नष्ट हो गए।
स्वर्ग से बाजे बजने लगे और पुष्पों की वर्षा होने लगी। उसने अपने मृतक पुत्र को जीवित और अपनी स्त्री को वस्त्र तथा आभूषणों से युक्त देखा। व्रत के प्रभाव से राजा को पुन: राज्य मिल गया। अंत में वह अपने परिवार सहित स्वर्ग को गया।
हे राजन! यह सब अजा एकादशी के प्रभाव से ही हुआ। अत: जो मनुष्य यत्न के साथ विधिपूर्वक इस व्रत को करते हुए रात्रि जागरण करते हैं, उनके समस्त पाप नष्ट होकर अंत में वे स्वर्गलोक को प्राप्त होते हैं। इस एकादशी की कथा के श्रवण मात्र से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

अजा एकादशी व्रत विधि | Aja Ekadashi Vrat Vidhi

  • एकादशी के दिन प्रातः स्नान आदि करें व स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो पीले वस्त्र ही धारण करें।
  • तदोपरान्त भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें।
  • अब पूजा स्थल या मंदिर में भगवान विष्णु को धुप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित कर उनकी पूजा अर्चना करें।
  • तत्पश्चात पूर्ण भक्तिभाव से अजा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
  • कथा संपन्न होने पर घर के सदस्यों को चरणामृत का प्रसाद स्वरुप वितरित करें।
  • एकादशी व्रत में पूरे दिन निराहर रह कर सांयकाल फलाहार करना चाहिये।
  • एकादशी के अगले दिन साधु- संतों को भोजन ग्रहण कराकर दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।

अजा एकादशी का महत्व | Significance (Importance) of Aja Ekadashi Vrat Katha

  • अजा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को पवित्र नदी में स्नान, दान -पुण्य तथा अश्वमेघ यज्ञ के सामान फल मिलता है।
  • इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है, जो की सुख – सौभाग्य व धन – धान्य में वृद्धि करते हैं।
  • मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख- समृद्धि आती है।
  • एकादशी के दिन विधि -विधान से पूजा अर्चना करने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • इस व्रत का विधि-विधान से पालन करने से भगवान विष्णु आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

यदि आप भी अपने जीवन में सुख – सुभाग्य में वृद्धि चाहते हैं तो नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके अभी अजा एकादशी व्रत कथा PDF / Aja Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi डाउनलोड करें।

अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha pdf

अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha PDF Download Link

REPORT THISIf the download link of अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha PDF is not working or you feel any other problem with it, please Leave a Comment / Feedback. If अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha is a copyright material Report This. We will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published.